नाहन : सिरमौर गोरखा ऐसोसिएशन का वार्षिक सम्मेलन आयोजित ,भारत की सीमाओं की रक्षा में गोरखा रेजिमेंट का महत्वपूर्ण योगदान

 

सिरमौर गोरखा ऐसोसिएशन का 52 वां वार्षिक सम्मेलन मंगलवार को शमशेर पुर कैंट नाहन में आयोजित किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष ने की।  इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने  सिरमौर गोरखा ऐसोसिएशन को वार्षिक सम्मेलन की बधाई देते हुए कहा कि भारत की सीमाओं की रक्षा में गोरखा रेजिमेंट का महत्वपूर्ण योगदान है।

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भारत और नेपाल दोनों देश एक मां के दो पुत्र है। नेपाल और भारत की सीमा पर कभी भी प्रहरी तैनात नहीं रहें। दोनों देश के लोग आपसी सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहते है। भारत और नेपाल की संस्कृति और जीवन मूल्य एक समान है। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला के साथ-साथ हिमाचल के विकास में गोरखा समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्हांेने कहा कि वर्ष 1970 से नाहन में सेना के साथ भूमि विवाद चला है जिसके निराकरण के लिए केन्द्र सरकार के साथ मामला प्रभावशाली ढंग से उठाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि गोरखा समुदाय की देश भक्ति के प्रति जज्बात, श्रद्वा व निष्ठा अनुठी मिसाल है देश की सीमा की रक्षा के लिए इस समुदाय के जवानों द्वारा दिए गए बलिदान को देश कफी नही भूला सकता।        सिरमौर गोरखा ऐसोसिएशन के अध्यक्ष श्री खेम बहादुर ने मुख्यातिथि को खुखरी भेंट कर सम्मानित किया तथा डॉ0 बिंदल को गोरखा समुदाय तथा इस क्षेत्र की समस्याओं से अवगत करवाया।

इस मौके पर सिरमौर गौरखा ऐसोसिएशन के कोषाध्यक्ष शेर बहादुर थापा ने बताया कि संघ द्वारा गोरखा समुदाय की संस्कृति केे संवर्धन एवं संरक्षण को प्रोत्साहित करने के अतिरिक्त मेधावी विद्यार्थियों तथा गम्भीर बिमारी से ग्रस्त मरीजों को आर्थिक सहायता दी जाती है तथा समुदाय की बेटी की शादी मे खुखरी भी दी जाती है। इस अवसर पर गोरखा एसोसिएशन के महासचिव विरेन्द्र बहादुर, संगठन सचिव योगेन्द्र गुंरग, उपप्रघान भुपेन्द्र गुंरग, प्रैस सचिव मनोज थापा, पूर्व प्रधान प्रेम सिंह थापा के अतिरिक्त गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

 

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