सरकार ने किसानों से खरीदी प्राकृतिक खेती से उत्पादित 2,123 क्विंटल गेहूं

Khabron wala 

चम्बा जिले के पांगी क्षेत्र के लोगों से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा किया गया वायदा जल्द ही पूरा होने वाला है। प्रदेश सरकार 8 अक्तूबर से पांगी में प्राकृतिक रूप से उगाए गए जौ की खरीद शुरू करेगी, इससे प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार सरकार द्वारा जौ के लिए 60 रुपए प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है। दूरदराज क्षेत्र पांगी में पहली बार सरकार द्वारा समर्थित इस तरह का खरीद अभियान चलाया जा रहा है। वहीं स्थानीय किसान भी इसे लेकर बेहद उत्साहित हैं। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा खरीद की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

अभी तक इस घाटी में हुड़ान, सेचु, सुराल, किलाड़ और साच में 5 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। पांगी क्षेत्र के 80 किसानों ने इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए विभाग में पंजीकरण करवाया है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इसके तहत प्राकृतिक रूप से उगाई गई गेहूं की खरीद पूरे प्रदेश में पूरी कर ली गई है। 22 खरीद केंद्रों में 838 किसानों से कुल 2,123.587 क्विंटल गेहूं खरीदी गई है।

‘हिम-भोग’ ब्रांड के तहत होगी बिक्री

गेहूं को आटे और दलिया में संसाधित किया जा रहा है और ‘हिम-भोग’ ब्रांड के तहत इसकी बिक्री की जाएगी। किसानों को उनकी फसल के लिए 1.27 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इसके अतिरिक्त 4.15 लाख रुपए का भुगतान परिवहन सबसिडी के रूप में किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर प्राकृतिक रूप से उगाई गई उपज को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत गेहूं के लिए 60 रुपए प्रति किलोग्राम, मक्का के लिए 40 रुपए, कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपए और जौ के लिए 60 रुपए प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और ग्रामीणों के हाथों में सीधे पैसा पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और ग्रामीणों के हाथों में सीधे पैसा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ने सोलन जिले के अर्की विधानसभा क्षेत्र से 2 नई पहल दुग्ध प्रोत्साहन योजना और परिवहन अनुदान योजना शुरू की हैं। दुग्ध प्रोत्साहन योजना के तहत पंजीकृत दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े किसानों को 3 रुपए प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि और परिवहन अनुदान योजना के तहत निजी दुग्ध समितियों को भी दूध संग्रहण और परिवहन के लिए 3 रुपए प्रति लीटर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

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