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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को राज्य की विकासात्मक पहलों, प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रदेश को हुए नुकसान और नशा मुक्त हिमाचल अभियान की प्रगति से अवगत करवाया।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को इस वर्ष मानसून के कारण मंडी जिला में बादल फटने और भूस्खलन से हुए व्यापक नुकसान से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि इन आपदाओं के कारण प्रभावितों के घर और कृषि भूमि का भारी नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि पुनर्वास कार्य सुनिश्चित करने के लिए प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
राज्य स्तरीय नशामुक्त हिमाचल अभियान के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए राज्यपाल ने बताया कि इस अभियान को पंचायत स्तर तक लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ जागरूकता पैदा करने और हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त राज्य बनाने के प्रयास में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
राज्यपाल ने हाल ही में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के काशी (वाराणसी) में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘विकसित भारत के लिए नशा मुक्त युवा’ का विवरण साझा किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन वर्ष-2047 तक नशा मुक्त समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने सम्मेलन में अपनाए गए ‘काशी घोषणा पत्र’ के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र में अनुसार मादक द्रव्यों के सेवन के प्रभाव पर समावेशी दृष्टिकोण को अपनाया गया है। इसके अनुसार यह न केवल एक आपराधिक या कानूनी मामला है, बल्कि यह जन स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण की दृष्टि से भी एक गंभीर चुनौती है। यह घोषणा पत्र मादक द्रव्यों के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सरकार और समाज के बीच साझे प्रयासों की वकालत करता है।
राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि नशा मुक्त भारत अभियान के तहत काशी घोषणा पत्र के सिद्धांतों को गंभीरता से लागू किया जाएगा।