लालच में आकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में लोग गंवा रहे जिंदगी की कमाई जमापूंजी

Khabron wala 

रातोंरात अमीर बनने के लालच में जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में लोग ऑनलाइन शातिरों के झांसे में आकर अपनी जिंदगी की कमाई जमापूंजी गंवा रहे हैं। साइबर थाना नॉर्दर्न रेंज धर्मशाला के तहत इस साल पेश आए 12 मामलों में लोग करीब 9.26 करोड़ की राशि ऑनलाइन ठगों के झोले में डालकर खुद को चूना लगवा चुके हैं। संबंधित थाना की मानें तो इसमें आम आदमी से लेकर एक बड़ा वर्ग भी शातिरों के झांसे में आकर ठगी का शिकार बन रहा है।

इस साल पेश आए उपरोक्त मामलों में थाना द्वारा ठगी प्रभावितों की करीब 2 करोड़ रुपए की राशि होल्ड करवाई गई है, जिसकी रिलीज की प्रकिया जारी है, लेकिन फिर भी साइबर ठग कभी डिजिटल अरैस्ट तो कभी इन्वैस्टमैंट फ्रॉड व बैंकों की फेक ए.पी.के. फाइल बनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।

ठगी की राशि भी हुई अब तक ज्यादा

साइबर थाना से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल डिजिटल अरैस्ट के तहत मामले ज्यादा थे, लेकिन सालाना ठगी राशि कम थी, लेकिन इस साल यह भी खुलासा हो रहा है कि जागरूकता आने के बाद भी इस साल ठगी की राशि अब तक पिछले साल के मुकाबले अधिक है। डिजिटल अरैस्ट व टैलीग्राम फ्रॉड के मामलों में जागरूकता के चलते कमी तो आई है, लेकिन अब स्टॉक ट्रेडिंग के चंगुल में फंसाकर शातिर अधिक पैसे कमाने का प्रलोभन देकर लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे हैं।

अप्रैल : ऑनलाइन निवेश के नाम पर पपरोला की महिला से 2.59 करोड़ रुपए की ठगी।

मई : कांगड़ा की फतेहपुर उपमंडल क्षेत्र की एक महिला से शातिरों ने डिजिटल अरैस्ट कर 31.70 लाख रुपए ठगे।

जुलाई : धर्मशाला के साथ लगते सिद्धबाड़ी क्षेत्र में रहने वाले राजस्थान के सेवानिवृत्त अधिकारी से शातिरों ने 94.30 ठगे।

अगस्त : सिम की वैधता 10 साल तक बढ़ाने का झांसा देकर साइबर ठगों ने सेना के जवान से 2.50 लाख रुपए की ठगी की।

सितम्बर : धर्मशाला में एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर एक करोड़ की ठगी।

ठगी हो जाए तो सबसे पहले यह करें

ए.एस.पी. साइबर थाना नॉर्दर्न रेंज धर्मशाला प्रवीण धीमान ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन ठगी का शिकार बन जाए तो सबसे पहले साइबर हैल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी रिपोर्ट करें। इसके साथ ही साइबर क्राइम के नैशनल पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाएं। इसके बाद अपने संबंधित बैंक में फोन करके अपना अकाऊंट फ्रीज करवाएं, जिससे की राशि बच सके। इसके अलावा डर के कारण किसी को भी पैसे न भेजें। साथ ही अगर कोई अज्ञात नंबरों से फोन या मैसेज आए तो उसका कोई उत्तर न दें।

यह रहती है शातिरों को शकंजे में लेने की चुनौती

एस.पी. जिला कांगड़ा अशोक रत्न ने बताया कि साइबर क्राइम के मामलों में किसी शातिर की आई.पी. निकालना एक मुश्किल काम है। शातिर किसी व्यक्ति को झांसे में लेकर जल्दी पैसा निकालने की कोशिश करते हैं। इसका एक उपाय यह है कि इसमें शीघ्र पुलिस को सूचना दें, ताकि पैसा होल्ड हो सके। साथ ही इसके लिए विभिन्न राज्यों में पुलिस समन्वय होना सबसे आवश्यक है, ताकि इन पर शिकंजा कसा जा सके।

 

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