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शौक अब वाकई में बड़ी चीज होने वाली है. इसके साथ फू-फू करना भी महंगा होगा तो गला तर करने के लिए भी जेब ज्यादा ढीली करना पड़ेगी. लग्जरी लाइफ स्टाइल तो पहले से ही महंगी है. अब और महंगी हो जाएगी. लिस्ट देख लीजिए.
GST का नया स्लैब 22 सितंबर 2025 से लागू होगा. अब सिर्फ 5 और 18 फीसदी वाला स्लैब ही रहेगा. माने कई सारे प्रोडक्ट सस्ते होने वाले हैं. उदाहरण के लिए टीवी, एयर कंडीशनर जैसे सामान. छोटी कारें और 350 CC से कम वाली बाइक भी. 33 जरूरी दवाइयां, खासकर कैंसर और गंभीर बीमारियों की दवाएं टैक्स फ्री हो गई हैं और इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स नहीं लगेगा. ठीक बात लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कुछ महंगा नहीं हुआ है.
पान मसाला और तंबाकू प्रोडक्ट- अब कदमों में दुनिया रखने के लिए आपको 28 की जगह 40 फीसदी टैक्स देना होगा. अभी तंबाकू उत्पाद जैसे पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, और बीड़ी पर 28 फीसदी जीएसटी के साथ मुआवजा उपकर (Cess) भी लगता है, जो उत्पाद के हिसाब से 5 से 290 फीसदी तक हो सकता है. उदाहरण के लिए, गुटखा पर 204 फीसदी उपकर है. हालांकि इस सारे प्रोडक्ट पर नया जीएसटी स्लैब अभी लागू नहीं होगा. सरकार इसकी तारीख आगे चलकर तय करेगी.
# कपड़े और जूते- 2500 रुपये से ऊपर कीमत वाले कपड़े अब महंगे होने वाले हैं क्योंकि ये 12 की जगह 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में आ गए हैं. जूते का कार्यक्रम भी कुछ ऐसा ही है.
non-alcoholic beverage- सॉफ्ट ड्रिंक से लेकर सोडा और टॉनिक वाटर जैसे प्रोडक्ट अब महंगे होने वाले हैं. फलों से बने पेय या फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय पदार्थ भी महंगे हो जाएंगे. कैफीन-युक्त पेय पदार्थों पर भी जीएसटी की दर बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है. अतिरिक्त चीनी या अन्य मीठा पदार्थ या स्वाद वाले सभी उत्पादों पर भी कर की दर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है.
# एयरक्राफ्ट और यॉट- पर्सनल हवाई जहाज में उड़ना और समुंदर में यॉट की सवारी भी महंगी होने वाली है. वैसे तो लग्जरी कारों के भी महंगे होने की बात कही जा रही है मगर अभी उसको लेकर थोड़ी भरम की स्थिति है. जीएसटी और Cess वाला गुना-गणित अभी साफ नहीं है.
# पिस्तौल और रिवाल्वर- इधर भी मामला महंगा हो जाएगा. टैक्स स्लैब 28 से 40 फीसदी होने वाला है.
आपके रुपये काटकर बैंकों ने कमा लिए 9,000 करोड़, सामने आई मिनिमम बैलेंस की कहानी
वित्त मंत्रालय के अनुसार, सरकारी बैंकों को ये सलाह दी गई है कि वो ग्रामीण और कस्बाई इलाकों के ग्राहकों को राहत देने के लिए इस जुर्माने को कम करने या हटाने पर विचार करें
पिछले कुछ समय से कई सरकारी बैंक मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) न रखने पर लगने वाला जुर्माना माफ कर रहे हैं. लेकिन 29 जुलाई को वित्त मंत्रालय ने संसद में बताया कि पिछले पांच सालों में इन बैंकों ने इस जुर्माने से लगभग 9,000 करोड़ रुपये की कमाई की है.
दिखने लगी टैरिफ की मार, नोएडा और सूरत की कपड़ा फैक्ट्रियां बंद होने का दावा
America Tariff: टैरिफ बढ़ने से भारतीय कपड़ा, चमड़ा, सेरामिक्स, केमिकल, हैंडक्राफ्ट और कालीन जैसे उद्योगों की दूसरे देशों से मुकाबला करने की काबिलियत बुरी तरह प्रभावित हो रही है. ऐसे में सरकार से मदद की अपील की गई है.
भारतीय निर्यातकों के संगठन ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन’ (FIEO) ने बताया है कि देश के कई बड़े कपड़ा उद्योग शहरों में कामकाज ठप हो गया है. FIEO के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ बढ़ा दिया है, जिसके बाद सूरत, नोएडा और तिरुपुर में फैक्ट्री वालों ने कपड़े बनाना बंद कर दिया है. 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ के बाद कुल 50 फीसदी टैरिफ हो गया है. इससे भारतीय सामान महंगे हो गए हैं, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अन्य देशों के सामान से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं.