पांवटा साहिब : जीएसटी चोरी के शक में क्रशरों पर छापेमारी , व्यापार के नाम पर अवैध खनन का हुआ खुलासा , करोड़ों रुपए टैक्स देने के दावों की खुली पोल

 

हिमाचल प्रदेश राज्य कर एवं आबकारी विभाग के दक्षिण क्षेत्र परमाणु जीएसटी विंग की टीम ने पांवटा साहिब में छापामारी है जिससे क्षेत्र में हड़कंप है और खनन माफिया की रातों की नींद उड़ गई है विभाग को इन क्रैशरों के मालिकों द्वारा करोड़ों के कर चोरी का शक है। दक्षिण क्षेत्र परमाणु जीएसटी विंग की टीम ने ज्वाइंट कमिश्नर जीडी ठाकुर के नेतृत्व में जिला सिरमौर के प्रमुख खनन क्षेत्र पांवटा साहिब के लगभग 6 क्रशरों पर छापेमारी की।

50000 से कम की सेल पर ई वे बिल अनिवार्य नहीं है जिसका लाभ यह खनन माफिया और जीएसटी चोरी कर उठते हैं बताया जा रहा है कि लगभग 6 क्रशरों पर छापेमारी कर उनके कागजात जप्त किए गए हैं बताया जा रहा है कि एक क्रेशर द्वारा साल की केवल डेढ़ करोड़ रुपए के करीब सेल दिखाई गई है जबकि वास्तविक सेल 20 करोड रुपए से ऊपर है ऐसे में विभाग ने शिकंजा कस दिया है

यही नहीं दो नंबर में रेत और बजरी भरकर हरियाणा पंजाब दिल्ली उत्तराखंड में सप्लाई किया जाता है पुलिस प्रशासन की मिली भगत से यह सारा कार्य चल हुआ है और खनन विभाग सिरमौर के भ्रष्ट अधिकारी भी इसमें अपना मोटा हिस्सा ले रहे हैं यही नहीं एक ही नंबर के दो-दो डंपर जा रहे हैं एक बिल पर तीन-तीन गाड़ियां माल ले जा रही है जिन का खुलासा तब हुआ था जब नकली बिलों को खनन विभाग के माइनिंग इंस्पेक्टर ने पकड़ा था और FIR दर्ज करवाई थी इसके बाद नाहन में आरटीओ द्वारा भी एक एफआईआर दर्ज करवाई गई थी जिसमें एक ही नंबर के दो डंपर खनन सामग्री ले जा रहे थे

गत सप्ताह खनन माफिया द्वारा एक युवक की हत्या कर दी गई थी बताया जा रहा है खनन के अवैध धंधे को लेकर यह हत्या की गई थी जिसमें एक युवक पर स्कॉर्पियो चढ़ा दी गई थी इसके बाद खनन माफिया का खौफ सामने आया था वही बताया जा रहा है कि खनन के खेल में अधिकारियों की पत्ती फिक्स है यही नहीं कुछ अधिकारी तो खनन के इस खेल में पार्टनरशिप में भी कार्य कर रहे हैं और कुछ अपने परिवार को भी इस क्षेत्र में शामिल करवा रहे हैं वही क्रेशर यूनियन के प्रधान मदन मोहन शर्मा इसको एक विद्या व्यापार और सरकार को टैक्स देने वाला धंधा बताते हैं परंतु आज की तारीख में यह है सबसे बदनाम और दो नंबर का कार्य बन गया है

वही इस छापेमारी के बाद विभाग ने खनन माफिया क्रेशर मालिकों को नियमित मासिक रिटर्न के माध्यम से जीएसटी का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जीएसटी विंग की टीम को बिजनेस इंटेलिजेंस टूल्स से केस स्टडी में यह पता चला है कि पंजीकृत 6 क्रेशर मालिक अपने घोषणाओं के अनुसार एजीटी का भुगतान नहीं कर रहे हैं और न ही विभाग के साथ नियमित रिटर्न दाखिल कर रहे हैं ।

इसलिए विभाग ने पिछले कई महीनों से इन डीलरों से जीएसटी देयता का विस्तृत विश्लेषण करने के बाद सभी रिटर्न डेटा और ऑनलाइन डेटा की जांच करने और इन क्रेशर मालिकों के साथ प्रारंभिक पूछताछ करने के बाद लगभग करोड़ों की कर चोरी का शक है। इस कर राशि पर ब्याज और जुर्माना, जो 200 प्रतिशत तक हो सकता है, इसके अतिरिक्त होगा।

चूंकि जीएसटी के तहत इन करदाताओं के खिलाफ पहले से ही विस्तृत जांच चल रही है, इसलिए एजीटी देनदारियों के निर्धारण का जीएसटी कर योग्य टर्नओवर के निर्धारण पर एक अतिरिक्त प्रभाव पड़ेगा। दक्षिण क्षेत्र परमाणु जीएसटी विंग के ज्वाइंट कमिश्नर जीडी ठाकुर ने करोड़ों रुपए के कर चोरी के शक की पुष्टि की।

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