देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की 56वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। मुख्य फैसला यह था कि जीएसटी के मौजूदा चार बड़े स्लैब को घटाकर दो मुख्य दरों में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। 12% और 28% के स्लैब को हटा दिया गया है। अब केवल 5% और 18% की टैक्स स्लैब लागू होगी। GST काउंसिल के सभी फैसले 22 सितंबर से लागू होंगे। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी जीएसटी खत्म कर दी गई है।
करीब 175 आइटम्स पर GST दरों में कटौती
जीएसटी परिषद ने ऑटोमेटिक रिटर्न फाइलिंग सिस्टम लाने का प्रस्ताव भी रखा है, जिससे जीएसटी से जुड़े नियमों का पालन करना और भी आसान हो जाएगा। करीब 175 आइटम्स पर GST दरों में कटौती हो सकती है, जिनमें फूड इंग्रेडिएंट्स, बादाम, स्नैक्स, रेडी-टू-ईट आइटम, जैम, घी, मक्खन, अचार, मुरब्बा, चटनी, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, AC और रेफ्रिजरेटर आदि चीजें शामिल हैं।
अब GST के तीन स्लैब होंगे
56वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद हिमाचल प्रदेश के मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि आम सहमति से फैसला लिया गया कि अब तीन स्लैब होंगे। 12% और 28% को खत्म कर दिया गया है। लग्जरी गुड्स पर 40% टैक्स लगेगा। गौरतलब है कि 56वीं GST काउंसिल की दो दिवसीय बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज से नई दिल्ली में शुरू हुई थी।
जूते और कपड़ों पर टैक्स दरों में बदलाव
जीएसटी काउंसिल की बैठक दो दिवसीय बैठक के पहले दिन कई अहम फैसले हुए। जूते और कपड़ों पर टैक्स दरों में बदलाव से ग्राहकों और कारोबारियों को राहत मिलेगी। एमएसएमई रजिस्ट्रेशन पर भी राहत दी गई है। सभी फैसले 22 सितंबर से लागू होंगे। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार पहले 1000 रुपये तक के सामान पर 5% जीएसटी, इससे ऊपर के सामान पर 12% जीएसटी लगता था, अब 2500 रुपये तक के जूते-कपड़ों पर केवल 5% ही जीएसटी लगेगा। यानी अब चीजें पहले से सस्ती होंगी।
प्रस्तावों के अलावा सुधार पर भी चर्चा
गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST दरों के प्रस्तावों के अलावा सुधारों पर भी चर्चा हुई है । अब माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन में लगने वाला समय 30 दिन से घटाकर सिर्फ 3 दिन कर दिया गया है। निर्यातकों को अब जीएसटी रिफंड ऑटोमेटिक मिलेगा। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है, जिससे उनका काम आसान होगा। जीएसटी काउंसिल ने बीमा प्रीमियम की दरों में कटौती करने पर सहमति जताई है, जिससे स्वास्थ्य बीमा लेना सस्ता हो जाएगा। इसके साथ ही, जीवन रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी दरें कम होने की उम्मीद है।