उपायुक्त सिरमौर ने बुधवार को यहां प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए कि सिरमौर जिला में पर्यटन गतिविधियों के लिए आधारभूत ढांचा के सृजन के लिए एशियन विकास बैक के सुझाावों के अनुरूप प्रस्तावित स्थलों की विस्तृत रिर्पोट तैयार करके समयबद्ध प्रस्तुत की जाए ताकि मामला प्रदेश सरकार को भेजा जा सके ।
उन्होने जानकारी दी कि सिरमौर जिला के हरिपुरधार, नौहराधार, चूड़धार, राजगढ़ -हाब्बन इत्यादि प्रमुख स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए 10 करोड़ 46 लाख की प्रस्तावित कार्य योजना तैयार की गई है जिसका निरीक्षण एशियन विकास बैंक द्वारा भी कर दिया गया है ।
उन्होने बताया कि पर्यटन विभाग के सौजन्य से तैयार की गई इस महत्वकांक्षी परियोजना के तहत नौहराधार से चूड़धार तक पैदल रास्ता के निर्माण के लिए एक करोड़ 81 लाख और राजगढ़-हरिपुधार सड़क पर आने वाले मनोहारी दृष्य देखने के लिए चयनित स्थलों के विकास हेतू 28 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया है ताकि इस सड़क पर यात्रा करने के दौरान पर्यटक प्रकृति की अनुपम छटा का आन्नद ले सके ।
उन्होने जानकारी दी कि माता भंगायणी मंदिर हरिपुरधार में पर्यटकों के लिए सुविधाओं के सृजन के लिए दो करोड़ की कार्य योजना तैयार की गई है जिसमें एक करोड़ 80 लाख की लागत से मंदिर परिसर में सांस्कृतिक मंच, शौचालय, रेलिंग, पार्किंग इत्यादि तथा 20 लाख की राशि हरिपुरधार स्थित प्राचीन किला तक रास्ते के निर्माण करने की योजना का प्रावधान किया गया है ।
उपायुक्त ने बताया कि पर्यटन की इस महत्वकांक्षी परियोजना में शिरगुल महाराज की जन्म स्थली शाया छबरोन में स्थित प्राचीन शिरगुल मंदिर के सौंदर्यकरण, संग्रहालय और मंदिर की आवश्यक मुरम्मत करवाने के लिए एक करोड़ रूपये तथा हाब्बन से बनालीधार के लिए ट्रेकिग रूट के निर्माण के लिए 25 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है । इसके अतिरिक्त राजगढ़ शहर के सौंदर्यकरण के लिए एक करोड़ का प्रावधान किया गया है जिसके तहत राजगढ़ शहर में पैदल रास्ते , पार्किंग, साईन बोर्ड व रोशनी इत्यादि विकास कार्य करवाना प्रस्तावित है ।
उन्होने कहा कि राजगढ़ के समीप करगानू में गिरी नदी पर कृत्रिम झील निर्मित करने के अतिरिक्त कैफेटेरिया, परिदृष्य, जल क्रीड़ाओं इत्यादि गतिविधियों के लिए परियोजना में दो करोड़ का प्रावधान किया गया है ताकि पर्यटकों को यहां आकर नई अनूभूति का अहसास हो सके । उन्होने जानकारी दी कि राजगढ़ के समीप सेर-जगास में पैराग्लाईडिंग के लिए उपयुक्त स्थल पाए जाने पर इस क्षेत्र को नई मंजिल -नई राहें नामक योजना के तहत विकसित किया जाएगा जिसके लिए इस परियोजना में दो करोड़ का प्रावधान किया गया है जिसके तहत पैराग्लाईडिंग स्थल तक सड़क का निर्माण, कैफेटेरिया, चैंजिग रूम, लैंड-स्केपिंग सहित अनेक विकास प्रस्तावित है । उन्होने कहा कि चयनित क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों से स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित होगें ।