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मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस बात को सच साबित कर दिखाया है हमीरपुर के छोटे से गांव उटपुर की बेटी मनीषा कुमारी ने। धाविका मनीषा कुमारी ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जगह बना ली है। एक ट्रक ड्राइवर की होनहार बेटी अब रांची में 24 अक्तूबर से होने जा रही दक्षिण एशियाई एथलैटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए तिरंगे का मान बढ़ाने के लिए दौड़ेगी। मनीषा इसमें महिलाओं की चार गुना 400 मीटर रिले टीम का हिस्सा होंगी। बता दें कि मनीषा के पिता रमेश चंद ट्रक ड्राइवर हैं और माता शीला देवी एक गृहिणी हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने से पूर्व हमीरपुर पहुंचने पर एथलैटिक एसोसिएशन ने उनका भव्य स्वागत किया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल हमीरपुर में आयोजित सम्मान समारोह में कांगड़ा बैंक के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने उन्हें शाॅल और स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया, साथ ही एथलैटिक एसोसिएशन हमीरपुर ने उन्हें 11000 रुपए की नकद राशि देकर प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर मनीषा ने कहा कि मैं इस मौके को पूरी तरह भुनाऊंगी और देश के लिए पदक जीतकर लाऊंगी। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और एथलैटिक्स संघ हमीरपुर को दिया।
संगरूर में हुई ओपन एथलैटिक्स प्रतियोगिता में जीता था स्वर्ण पदक
मनीषा ने हाल ही में संगरूर में हुई ओपन एथलैटिक्स प्रतियोगिता में 400 मीटर दौड़ केवल 53.81 सैकेंड में पूरी कर स्वर्ण पदक जीता था। इसी शानदार प्रदर्शन के आधार पर उन्हें राष्ट्रीय टीम में चुना गया है। इससे पहले भी मनीषा ने 64वीं नैशनल अंतर-स्टेट प्रतियोगिता में कांस्य, खेलो इंडिया में रिले में कांस्य और इंटर-यूनिवर्सिटी में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा साबित की है।