Khabron wala
कुछ सपनों की उड़ान आसमान से भी ऊंची होती है, जुनून जब हौसलों से मिले, तब ही जीत सच्ची होती है। यह शब्द बखूबी चरितार्थ करते हैं हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के बेटे हार्दिक शर्मा के जीवन को।
गांव के बेटे की बड़ी सफलता
बिलासपुर जिले के पंजगाईं गांव का माहौल इन दिनों किसी उत्सव से कम नहीं है। वजह है- गांव के होनहार युवा हार्दिक शर्मा, जिसने ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की कठिन परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर ऑल इंडिया 85वीं रैंक प्राप्त की है।
हार्दिक का एयरफोर्स कैडेट के रूप में चयन युवाओं के लिए मिसाल है। महाराष्ट्र के खड़कवासला स्थित प्रतिष्ठित NDA में प्रवेश पाना हमेशा से देश के सबसे अनुशासित और प्रतिभाशाली वाले युवाओं का सपना माना जाता है। हार्दिक ने यह साबित कर दिया है कि निरंतर मेहनत और मजबूत लक्ष्य किसी भी मुश्किल को आसान बना सकते हैं।
पीढ़ियों से देश सेवा कर रहा परिवार
हार्दिक का परिवार पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं देता आया है। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शर्मा- जो सेना से सेवा-मुक्त होकर अब समाज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अमित शर्मा हमेशा से हार्दिक के लिए प्रेरणा के स्तंभ रहे हैं। परिवार के माहौल में व्याप्त अनुशासन, देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा ने बचपन से ही हार्दिक के मन में सैनिक जीवन का बीज बो दिया था।
हार्दिक की प्रारंभिक शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूलों में हुई- जहां अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और देश सेवा की भावना स्वाभाविक रूप से उनके व्यक्तित्व में समाहित हो गई। यही अनुभव और परवरिश उनके लिए NDA तक की यात्रा में मार्गदर्शक सिद्ध हुई।
जैसे ही हार्दिक की सफलता की खबर पंजगाईं, औहर और ननिहाल के गांवों तक पहुंची, पूरा क्षेत्र खुशी से झूम उठा। हार्दिक के घर पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया। युवाओं ने उत्साह से इस सफलता को अपनी प्रेरणा बताया। लोग का कहना है कि यह खुशी केवल परिवार तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गौरव और उमंग का विषय बन गई।
हार्दिक की इस उपलब्धि पर सबसे ज्यादा खुश उनके पिता और परिवार के सदस्य हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शर्मा के चाचा सहित सभी रिश्तेदारों ने हार्दिक के अनुशासन, लगन और दृढ़ संकल्प की खुले दिल से सराहना की। उन्होंने कहा कि हार्दिक ने यह साबित कर दिया है कि सच्ची मेहनत और मजबूत इरादे हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
आज के समय में जब युवा कई विकल्पों और चुनौतियों के बीच दिशा खोजते हैं, हार्दिक जैसे युवाओं की सफलता उनके लिए नई राहें खोलती है। उनकी उपलब्धि यह संदेश देती है कि लक्ष्य बड़ा हो तो मेहनत भी बड़ी होनी चाहिए। पारिवारिक संस्कार और आत्मविश्वास किसी भी संघर्ष को जीतने की शक्ति बन जाते हैं।
हार्दिक का NDA में चयन और वह भी उत्कृष्ट ऑल इंडिया रैंक के साथ- यह संकेत है कि आने वाले वर्षों में वे न केवल अपने परिवार और क्षेत्र बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश का नाम राष्ट्रीय पटल पर और ऊंचाई तक ले जाएंगे।












