गिरीपार पहाड़ी क्षेत्र शिलाई के अंतर्गत कफोटा विश्राम गृह में हाटी अधिकार मंच के सदस्यों ने बैठक का आयोजन किया इस में यह तय किया गया की हाटियो की पांच दशक पुरानी अनुसूचित जनजाति की मांग को जोर शोर से उठाया जाएगा उपस्थित सदस्यों ने विचार-विमर्श करके यह निर्णय लिया कि हाटि जनजातीय आंदोलन को तह तक ले जाने के लिए ग्रामीण व पंचायत स्तर पर कमेटियों का गठन करने की आवश्यकता है पर बल दिया
सभी सदस्यों ने अपने अपने विचार रखें जिसमें कि मौजूद हाटी क्षेत्र के मौजिज हाटी भी विजय मांग रहे वह नौजवान हाटि भी इस कुण्डली में शामिल हुए सभी हाथियों ने अपने अपने मूल्यवान विचार दिय सभी लोगों ने इस बात पर बल दिया कि अब हमें रूटीन की राजनीति से बाहर निकलकर अपने जनजातीय अधिकार व अन्य क्षेत्रीय मुद्दों को जोर शोर से सरकार व प्रशासन के सामने उठाना होगा सभी ने यहां महसूस किया कि पिछले 35 साल से हमारा जो यह जनजातीय हक का आंदोलन है
इसके निष्कर्ष तक पहुंचने के मुख्य बिंदु यह है लोगों ने महसूस किया अब तक इस मुद्दे के लटकने का सबसे बड़ा कारण यही रहा कि लोग राजनीतिक कि लोग अलग-अलग राजनीतिक नेताओं व पार्टियों के चक्कर में बट गए और लोगों के बांटने का ही नतीजा है कि यह मुद्दा आज तक लटक रहा है सभी ने यहां निर्णय लिया की अब समस्त दो लाख 80 हजार युवा हाटि जन जातियों के लोगों को अपने अधिकारों के लिए राजनीति से बाहर निकलकर खड़ा होना होगा वह सरकारों नेताओं को अपनी शक्ति का परिचय कराना पड़ेगा
लोगों को इस मुद्दे के समाधान के लिए सिर्फ एकमात्र समाधान सड़क नजर आ रही है यदि सरकार समय रहते हाटीयों के इस लंबित मुद्दे को शीघ्र से शीघ्र पूरा नहीं करती तो वह समय दूर नहीं जब लोग सड़कों पर आकर धरने प्रदर्शन करने से भी नहीं चूकेंगे आए सभी मौजूद हाटियों और नौजवान साथियों ने यह उद्गार दिए कि जब 1967 में सरकार ने जौनसार बाबर को जौनसार बाबर के संसारा समुदाय को जनजाति का दर्जा दिया तो एक समान हरित एक समान सामाजिक ताना बाना रीति रिवाज पहरावे जातीय संरचना भाषा खान पान वाले गिरिपार के हाटी समुदाय के लोगों को यह अधिकार क्यों नहीं दिया गया उन्होंने पाया उन्होंने महसूस किया हो सकता है कि हमारे भारतीय समुदाय के लोगों की आवाज कमजोर हो तो क्या फिर एक मां को अपने कमजोर आवाज या गूंगे बच्चे को दूध नहीं पिलाना चाहिए यहां मां से आशय हमारा सरकार से है और बच्चे से संबंध हमारा जो सारा वह हाटी समुदाय के दो जुड़वा भाइयों से है हमें जो सारा भाइयों को उनका हक मिलने से संता है
साथ ही साथ हमें इस बात का गहरा मलाल भी है क्यों हमें जो है हमारा हक और अधिकार नहीं दिया गया क्यों सरकारी और तंत्र आज तक प्रक्रियाओं का हवाला देते जा रहे हैं हमारे जो प्रवचन समितियों के माध्यम से पिछले 35 साल से देश के प्रधानमंत्रियों वाह मुख्यमंत्रियों को व प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन देते जा रहे हैं उसके बावजूद भी ऐसा क्या हो गया कि गिरीपार जनजाति घोषित नहीं हो पा रहा है
इस मौके पर लाल सिंह इंदर सिंह क संतराम तोमर रामानंद लाइक राम का फोटो रामलाल शर्मा प्रकाश बलदेव बबलू गोपाल कुलदीप सिंह अजय शर्मा पवन देवी अरुणा देवी हरीश पुंडीर गुमान सिंह वेदप्रकाश रघुवीर सिंह जगदीश अर्जुन शर्मा मंगल सिंह वीरू जोगिंदर साधूराम अमित ठाकुर इत्यादि लोग मौजूद थे