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केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न राज्यों के मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में भाग लेते हुए हिमाचल प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने कहा कि बाल्यकाल में उचित पोषण के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार बच्चों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रमुखता से कार्य कर रही है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से कुपोषण की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा पूरक पोषाहार की दरों में वृद्धि करने का अनुरोध किया ताकि बच्चों के पौष्टिक आहार की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस वित्त वर्ष में आंगनवाड़ी सेवा योजना के तहत 6 अक्तूबर को 66 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है जबकि केन्द्रीय हिस्से के 113 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार के वित्त कोष से व्यय किए जा चुके हैं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से प्रदेश सरकार को दूसरी किश्त जारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में विशेष पोषाहार कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार द्वारा 4013.01 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है जिसमें से 1516.09 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थितियों से केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाते हुए श्री शांडिल ने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिए प्री-फेबरिकेटिड ढांचे को भी शामिल किया जाना चाहिए और यह प्रयोग हिमाचल प्रदेश के लिए सफल साबित होगा। उन्होंने केंद्रीय योजना के तहत इनके निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को आंगनवाड़ी सह-स्कूल घोषित किया है ताकि बच्चों को पोषण के साथ-साथ बेहतर देखभाल उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आंगनवाड़ी केंद्रों एवं विद्यालयों के को-लोकेशन के लिए जारी दिशा-निर्देशों को अमल में लाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय संयुक्त कमेटी का गठन किया जा चुका है।
डॉ. शांडिल ने कहा कि ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ कार्यक्रम के तहत सभी डीपीओ, सीडीपीओ व सुपरवाइजर को स्टेट लेवल मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इन प्रशिक्षित मास्टर टेªनर द्वारा सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसके लिए प्रशिक्षण सामग्री का मुद्रण करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर बच्चे और माताओं की पौष्टिक आहार की पूर्ति के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
केन्द्रीय मंत्री ने डॉ. शांडिल को केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश को हर संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।