Khabron wala
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। बीते अगस्त माह में हिमाचल में भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई। सैंकड़ों लोगों की जान चली गई, तो करोड़ों की संपत्ति तबाह हो गई। हालांकि, लोग मान रहे थे कि सितंबर के आते-आते मानसून खत्म हो जाएगा, लेकिन मौसम विभाग ने लोगों बड़ा झटका दे दिया है।
भयंकर बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार सितंबर माह में भी बारिश का दौर जारी रह सकता है। बड़ी बात यह है कि सितंबर माह के पहले ही दिन यानी आज के लिए मौसम विभाग ने प्रदेश में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी कर दिया है।
मौसम विभाग के अनुसार, आज प्रदेश के कांगड़ा, मंडी, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और सिरमौर जिलों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है। इन जिलों के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया है, जिसका अर्थ है कि यहां जान-माल को नुकसान पहुंचाने वाली वर्षा हो सकती है।
5 जिलों में ऑरेंज, एक में यलो अलर्ट
इसके अतिरिक्त चंबा, कुल्लू, शिमला, किन्नौर और लाहुल-स्पीति में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि सोलन जिले के लिए यलो अलर्ट घोषित किया गया है। यानी प्रदेश का लगभग हर इलाका आज को भारी बारिश की चपेट में आने वाला है। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की एडवायजरी जारी की है।
प्रदेश में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश से भारी तबाही हुई है। प्रदेश भर में भूस्खलन से मची तबाही के मद्देनज़र राहत एवं बचाव कार्यों को चार स्तरीय प्रणाली के तहत अंजाम दिया जा रहा है। इसमें ग्राम पंचायत और पटवारी स्तर से लेकर तहसीलदार, SDM, जिला उपायुक्त और राज्य स्तर पर अधिकारियों को तैनात किया गया है, जो आपदा प्रबंधन में जुटे हैं।
मणिमहेश यात्रा में फंसे श्रद्धालु
चंबा और भरमौर क्षेत्रों में मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए अब तक का सबसे बड़ा राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), SDRF (राज्य आपदा मोचन बल), सेना, पुलिस, होम गार्ड्स, नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवक और स्थानीय युवा सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
राज्य में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित लगभग 600 सड़कें बंद हो चुकी हैं। कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से लोगों को निकाला जा रहा है और जरूरी राहत सामग्री जैसे राशन, दवाइयां और पानी पहुंचाया जा रहा है।
पुलिस प्रशासन भी जुटा राहत कार्यों में
प्रदेश के पुलिस अधीक्षक, DSP और अन्य अधिकारी भी राहत और बचाव कार्यों में मोर्चा संभाले हुए हैं। हर जिले में 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं, जिनके जरिए हर स्तर पर राहत कार्यों की निगरानी और समन्वय सुनिश्चित किया जा रहा है।
मानसून की शुरुआत से अब तक हिमाचल प्रदेश में बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने और अन्य आपदाओं के कारण 166 लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही, राज्य को 3042 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है। कई लोग बेघर हो गए हैं, दर्जनों पुल, स्कूल, भवन और खेत बर्बाद हो चुके हैं।
सरकार- प्रशासन सतर्क, एहतियात बरतने की अपील
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और सभी जिलों के प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अवांछित यात्राओं से बचें, नदियों व जलधाराओं के समीप न जाएं, और मौसम विभाग की चेतावनियों का गंभीरता से पालन करें।