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हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने तबाही का नया अध्याय लिख दिया है। रविवार से हो रही भारी बारिश ने राज्य के कई हिस्सों में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
बारिश से भारी नुकसान
लगातार भूस्खलनों, मकानों के ढहने और सड़कों के धंसने की घटनाओं से प्रदेश में जन और धन दोनों का भारी नुकसान हुआ है। हालात को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया है।
इस सब के बीच अब मौसम विभाग ने आज के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में आज भी भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदेश में 7 सितंबर तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
भारी से भारी बारिश होगी
मौसम विभाग के अनुसार, आज कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट है। 3 सितंबर को शिमला, सिरमौर और किन्नौर जिलों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोगों से अपील की गई है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट को ध्यान में रखते हुए शिमला, सोलन, चंबा, ऊना, किन्नौर, हमीरपुर, बिलासपुर और कुल्लू के शिक्षण संस्थान आज बंद रहेंगे।शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार को भी प्रदेश के 11 जिलों में स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी रही। इस दौरान शिक्षकों को ऑनलाइन क्लासें लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
भूस्खलन में दबे 5 लोग
बीते 24 घंटे में बारिश और भूस्खलन के कारण पांच और लोगों की जान चली गई। शिमला के जुन्गा में रविवार देर रात एक मकान ढह गया, जिसमें बाप-बेटी की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं जुब्बल के बढ़ाल गांव में मकान गिरने से 23 वर्षीय युवती की जान चली गई। कोटखाई में एक बुजुर्ग महिला की मलबे में दबकर मौत हो गई, जबकि सिरमौर जिले के शाईमी क्षेत्र में पहाड़ से गिरे विशाल पत्थरों ने एक मकान को जमींदोज कर दिया, जिससे एक महिला की मौत हो गई।
चंबा जिला में मणिमहेश यात्रा पर गए कई श्रद्धालु अभी भी हड़सर और भरमौर में फंसे हुए हैं। इस सब के बीच अब भरमौर में छह और शव मिलने की सूचना मिली है। इनमें से 4 की पहचान परस राम (72) निवासी चंबा, हरविंदर, तरसेम और जवाहर यादव साधु के तौर पर हुई है, जबकि 2 की अभी पहचान होनी है। 25 अगस्त से लेकर 1 सितंबर तक 17 मणिमहेश यात्रियों की मौत हो चुकी है।
कालका-शिमला रेल सेवा ठप
लैंडस्लाइड के चलते कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को भारी नुकसान हुआ है। कोटी से कनोह रेलवे स्टेशन के बीच कई जगहों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे रेलवे लाइन बाधित हो गई है। रेलवे प्रशासन ने 5 सितंबर तक इस रूट की सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
प्रदेश भर में 793 सड़कें बंद
भूस्खलन और बाढ़ की वजह से सोमवार सुबह तक प्रदेश की 793 सड़कें ठप रहीं, जिनमें तीन नेशनल हाईवे भी शामिल हैं। बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हुई है, जहां 2,174 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं और 365 जल आपूर्ति योजनाएं ठप हो चुकी हैं। चंबा, मंडी, सिरमौर, और कुल्लू जैसे जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान सामने आया है। चंबा जिले में ही 253 सड़कें बंद हैं।
20 जून से अब तक के मानसून सीजन में प्रदेश ने अभूतपूर्व नुकसान झेला है। अब तक कुल 320 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 379 लोग घायल हुए हैं। इस दौरान 40 लोग लापता हैं। सड़क हादसों, भूस्खलनों, बाढ़ और मकान गिरने की घटनाओं में राज्य को अब तक करीब 3,05,684.33 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। इस त्रासदी में 4,569 घर व दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं, वहीं 1,885 पालतु पशुओं की जान गई है।