लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जानिए आगले कुछ दिनों का मौसम

Khabron wala

राज्य में अब मानसून थोड़ा राहत देगा। यानि मौसम धीमा रहेगा, क्योंकि सोमवार से लेकर 20 सितम्बर तक किसी प्रकार का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, अपितु कहीं-कहीं हल्की-फुल्की वर्षा हो सकती है। राज्य में जारी किए गए यैलो अलर्ट के बीच में जहां रविवार को कुछ स्थानों में वर्षा हुई है, वहीं शनिवार रात्रि को कई जगहों पर मूसलाधार बारिश हुई है। शनिवार रात्रि को कांगड़ा जिले के धर्मशाला में सर्वाधिक 232 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है, जबकि पालमपुर में 126 मिलीमीटर, मंडी जिले के मुरारी देवी क्षेत्र में 79 मिलीमीटर और सुंदरनगर व जोगिंद्रनगर में 77 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई।

राजधानी शिमला में भी रात को झमाझम बारिश हुई और 11.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। सुंदरनगर में 77.6, नाहन में 14.6, कांगड़ा में 30.7, मंडी में 26.2 और बिलासपुर में 40.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। रविवार को शिमला में दिन में धूप और शाम को धुंध छाई, लेकिन बारिश नहीं हुई, जबकि धर्मशाला में 2, ऊना में 2.8, मंडी में 2, नाहन में 3.8 और बजौरा में 2 मिलीमीटर वर्षा हुई है।

लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सिरमौर जिले में हरिपुरधार-सोलन मार्ग भारी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया है। वहीं चम्बा जिले के डल्हौजी थाना क्षेत्र के अंतर्गत वैली नामक स्थान पर पठानकोट-चम्बा नैशनल हाईवे का एक हिस्सा धंस गया। इस दौरान एक ट्रक और 2 बाइकें नीचे जा गिरीं। हालांकि गनीमत यह रही कि कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ। सड़क धंसने से वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो गई है और प्रशासन की टीमें मौके पर राहत व बहाली के कार्य में जुटी हुई हैं।

रविवार शाम तक प्रदेश में 3 नैशनल हाईवे और 565 सड़कें यातायात के लिए बाधित हैं। सबसे अधिक कुल्लू जिले में एनएच-03 और एनएच-305 सहित 170 सड़कें बाधित हैं। मंडी में 176, शिमला में 58, कांगड़ा में 46, चम्बा में 29, सिरमौर में 24, बिलासपुर में 14 और ऊना जिले में एनएच-503ए सहित 22 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं। राज्य में 373 विद्युत ट्रांसफार्मर और 188 पेयजल योजनाएं भी ठप्प हो गई हैं। मंडी में 214, कुल्लू में 128 और चम्बा में 24 बिजली के ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। वहीं पेयजल योजनाओं में शिमला में 61 और मंडी में 53 ठप्प पड़ी हैं।

राज्यभर में अब तक 140 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 46 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। अब तक 404 लोगों की मौत हो चुकी है, 462 लोग घायल हुए है और 41 लोग लापता बताए जा रहे हैं। सबसे अधिक 61 मौतें मंडी में हुई हैं, जबकि कांगड़ा में 55, चम्बा में 50, कुल्लू में 44, शिमला में 43 और अन्य जिलों में कुछ मौतें हुई हैं। भारी वर्षा और आपदा से अब तक 1,440 मकान पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं, जबकि 6007 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

485 दुकानें और 6036 गऊशालाएं भी ढह चुकी हैं। पशुधन को भी भारी क्षति पहुंची है, जिसमें 2,094 पशु और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत दर्ज की गई है। राज्य सरकार के अनुसार इस मानसून सीजन में सार्वजनिक संपत्ति को अब तक 4,489 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक क्षति सड़कों और पुलों के टूटने से पहुंची है।

इस बीच प्रदेश में आपदा की स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार के कई मंत्री इन दिनों दौरे पर हैं। वे चम्बा, मंडी और कुल्लू जिलों में जाकर आपदा से हुए नुक्सान और राहत कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं राज्य सरकार और प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। खासतौर पर नदी-नालों और ढलानों से दूर रहने को कहा गया है।

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