पावटा साहिब में स्थित हिमाचल ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन ने राम लाल प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित होने पर 90 विद्यार्थियों को तालिबानी फरमान सुना दिया। इंस्टिट्यूट मैनेजमेंट ने 22 जनवरी को संस्थान से बाहर रहने पर लगभग 90 बच्चों को ढाई हजार रुपए फाइन जड़ दिया, साथ ही फाइन न भरने पर इंस्टिट्यूट से निकलने की धमकी भी दे दी। संस्थान की इस हरकत पर पांवटा साहिब में हिंदूवादी संगठन भड़क उठे और इंस्टिट्यूट के गेट पर जमकर हंगामा किया।
गत 22 जनवरी को समूचे देश में रामलाल प्राण प्रतिष्ठा का समारोह मनाया गया। इस उपलक्ष में हिमाचल प्रदेश में सरकार ने 22 जनवरी को अवकाश की घोषणा की थी, ताकि सरकारी विभागों के कर्मचारियों और शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थी कार्यक्रम में सम्मिलित हो सके। मगर, पावटा साहिब में हिमाचल ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट ने रामलाल प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने पर लगभग 90 विद्यार्थियों को तालिबानी सजा सुना दी। प्रदेश में छुट्टी की आधिकारिक घोषणा होने के बाद विद्यार्थी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए संस्थान से चले गए और कक्षाओं में उपस्थित नहीं हुए। सरकार द्वारा छुट्टी की घोषणा करने के बावजूद संस्थान ने इन्हें बिना अनुमति के अनुपस्थित रहने की सजा सुना दी। उक्त विद्यार्थियों को 25 सौ रुपय जुर्माना भरने और बिना अनुमति के कॉलेज से बंक मारने की बात लिखकर देने के लिए दबाव बनाया गया। हैरानी की बात यह रही कि 23 जनवरी को उक्त सभी 90 विद्यार्थियों को क्लासेस के बाहर खड़ा कर दिया गया और जुर्माना न भरने पर उन्हें संस्थान से निकालने की धमकी दी गई।
वहीं दूसरी तरफ संस्थान की इस हरकत पर स्थानीय हिंदू संगठन आग बबूला हो गए। विभिन्न हिंदू संगठन के लोगों ने कॉलेज गेट पर प्रदर्शन किया और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हिंदू संगठनों का आरोप है कि रामलाल प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने पर बच्चों को तालिबानी फरमान सुना कर संस्थान ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। हिंदू संगठनों के लोग संस्थान के एचओडी को बर्खास्त करने और मामले के उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।
उधर मामला बिगड़ता देख स्थानीय प्रशासन ने हस्तक्षेप किया। डीएसपी पांवटा और तहसीलदार पांवटा साहिब मौके पर पहुंचे और उन्होंने आक्रोशित लोगों के साथ-साथ संस्थान के प्रशासन से भी बात की। फिलहाल प्रशासन ने हंगामा को शांत करवा दिया है। आरोपी एचऑडी को 5 फरवरी तक छुट्टी पर भेजना और मामले की जांच पर सहमति बनी है। ऐसे में आक्रोशित हिंदू संगठनों ने फिलहाल आंदोलन खत्म कर दिया है।