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हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अब राष्ट्रीय राजमार्गों और फोरलेन सड़कों पर खतरनाक तरीके से वीडियो या ‘रील’ बनाने वालों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। एक हालिया दर्दनाक हादसे के बाद, जिसमें मनाली-कीरतपुर फोरलेन पर एक 22 वर्षीय छात्र की रील बनाते समय मौत हो गई थी, पुलिस प्रशासन ने एक ऐतिहासिक और कठोर फैसला लिया है।
ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति और सीधी FIR
प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों (SPs) को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि हाईवे और फोरलेन पर गाड़ी रोककर वीडियो बनाने जैसे मामलों पर अब कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक तिवारी ने इस कार्रवाई को ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत सख्ती से लागू करने को कहा है। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि कुछ सेकंड के ‘लाइक’ और ‘ट्रेंड’ के लिए अपनी जान जोखिम में डालना मूर्खता है, क्योंकि जिंदगी किसी भी सोशल मीडिया क्रेज से कहीं ज़्यादा कीमती है।
अब ऐसे खतरनाक कृत्यों में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ सीधी एफआईआर (FIR) दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
निगरानी बढ़ी, लग रहे चेतावनी बोर्ड
सख्त पेट्रोलिंग: पुलिस मुख्यालय ने सभी प्रमुख मार्गों पर पेट्रोलिंग और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी को कई गुना बढ़ाने का आदेश दिया है। खतरनाक और संवेदनशील स्थानों पर गाड़ी रोककर वीडियो बनाने वालों पर तुरंत और सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
‘नो स्टॉपिंग’ ज़ोन: पुलिस ने एनएचएआई (NHAI) और स्थानीय प्रशासन को मिलकर जल्द से जल्द ऐसे स्थानों को ‘नो स्टॉपिंग, नो फोटोग्राफी’ जोन घोषित करने और चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए हैं।
जागरूकता से बदलेंगे सोच
पुलिस अब केवल कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जागरूकता अभियान भी चलाएगी। पुलिस, परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर स्कूलों, कॉलेजों और सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को यह महत्वपूर्ण संदेश देंगे कि: “सड़कें सिर्फ सुरक्षित यात्रा के लिए बनी हैं, न कि जानलेवा स्टंट या वीडियो बनाने के लिए।”
DGP अशोक तिवारी ने कड़े शब्दों में कहा, “हाईवे और फोरलेन पर गाड़ी रोककर रील बनाने वालों के खिलाफ अब कड़ी पुलिस कार्रवाई होगी। सभी पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।”












