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हिमाचल मे कम संख्या वाले स्कूलों का दर्जा कम कर दिया है. अब ये हाई से मिडिल और सेकेंडरी से हाई स्कूल बन गए हैं. सरकार ने कुल 28 स्कूलों का दर्जा घटाया है. इनमें 12 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और गवर्नमेंट हाई स्कूल शामिल हैं. सेकेंडरी स्कूलों को हाई और हाई स्कूलों को मिडल बनाया गया है. राज्य सरकार ने 5 से कम स्टूडेंट की वजह से इनका दर्जा घटाया है.
पांच छात्र संख्या वाले जो 28 स्कूल डाउनग्रेड किए गए हैं, उनमें से 12 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में मात्र 36 विद्यार्थी पढ़ रहे थे, जबकि 16 हाई स्कूलों में ये संख्या 68 थी. कुल 104 विद्यार्थी संख्या वाले इन 28 स्कूलों में 134 शिक्षक और गैर शिक्षक कार्यरत थे. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के गृह जिला शिमला में सबसे अधिक 22 स्कूलों डाउनग्रेड हुए हैं. बुधवार को शिक्षा विभाग की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी की गई. डाउनग्रेड स्कूलों में कार्यरत शिक्षक और गैर शिक्षक अन्य स्कूलों में स्थानांतरित होंगे.
शिक्षा विभाग इन स्कूलों के स्टाफ, कार्यालय रिकॉर्ड, सामग्री, स्वीकृत पदों, भूमि व भवनों इत्यादि को लेकर अलग से दिश-निर्देश जारी करेगा.इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को निकटवर्ती या उनकी पसंद के विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए स्कूल शिक्षकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है. बता दें कि शिक्षा विभाग ने कम स्टूडेंट वाले स्कूलों की रिपोर्ट तीन महीने पहले ही सरकार को भेज दी थी, लेकिन लंबे समय से फैसला पेंडिंग था, अब जाकर सरकार ने फैसला लिया है.
इन सेकेंडरी स्कूलों का दर्जा घटाया
सेकेंडरी स्कूल भौरा कांगड़ा
सेकेंडरी स्कूल चंबी मंडी
सेकेंडरी स्कूल बरवास सिरमौर
सेकेंडरी स्कूल कोटगढ़ शिमला
सेकेंडरी स्कूल जुब्बर शिमला
सेकेंडरी स्कूल दम्याना शिमला
सेकेंडरी स्कूल बोसारी शिमला
सेकेंडरी स्कूल रत्नाडी शिमला
सेकेंडरी स्कूल कड़ीवान शिमला
सेकेंडरी स्कूल झीना शिमला
सेकेंडरी स्कूल बराच शिमला
सेकेंडरी स्कूल बाघल शिमला
इन हाई स्कूलों का दर्जा घटाया
हाई स्कूल घारना कांगड़ा
हाई स्कूल त्रेसवन मंडी
हाई स्कूल मल्होटी सिरमौर
हाई स्कूल लिंगजार शिमला
हाई स्कूल चनोग शिमला
हाई स्कूल मुनीश शिमला
हाई स्कूल ब्राल शिमला
हाई स्कूल अलावांग शिमला
हाई स्कूल कुहाल शिमला
हाई स्कूल कंडा शिमला
हाई स्कूल जराशी हाई स्कूल
हाई स्कूल जनाहन शिमला
हाई स्कूल गेहेआ शिमला
हाई स्कूल कचैरी शिमला नागन
हाई स्कूल गाहन शिमला
इससे पहले, राज्य में लगभग 1200 सरकारी स्कूल बंद व आसपास की पाठशालाओं में मर्ज किए जा चुके हैं. जीरो एनरोलमेंट वाले 450 स्कूलों को बंद और कम छात्रों वाले 750 स्कूलों को साथ लगती पाठशाला में मर्ज किया गया है.