Khabron wala
हिमाचल प्रदेश को यूं ही वीरभूमि नहीं कहा जाता। यहां के युवाओं में देश सेवा का जुनून किस हद तक समाया हुआ है, इसका प्रेरणादायक उदाहरण चंबा जिले से सामने आया है। चंबा की ग्राम पंचायत कुठेहड़ के एक साधारण परिवार के पांच भाइयों ने भारतीय सेना की वर्दी पहनकर न सिर्फ अपने माता-पिता का मान बढ़ाया है, बल्कि पहाड़ों की उस परंपरा को भी आगे बढ़ाया है, जिसने सदियों से देश को वीर जवान दिए हैं।
दरअसल कुठेहड़ पंचायत के प्रौह गांव के एक साधारण परिवार के पांच भाई सेना में भर्ती हुए हैं। पांचों भाईयों के माता पिता दिहाड़ी मजूदरी करते हैं। पिता ने दिहाड़ी लगाकर और माता ने घर और खेत का काम संभाल कर अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई करवाई। साधारण परिवार में जन्में इन पांचों भाईयों ने भी अपने माता पिता की मेहनत को जाया नहीं होने दिया और अपनी मेहनत, लग्न और संघर्ष से अपने सेना में जाने के सपने को पूरा किया। परिवार के लिए यह क्षण गर्व और सम्मान भरा है।
ये पांच भाई हुए सेना में भर्ती
संजू पुत्र प्रकाश साल 2014 में सेना में भर्ती हुए
संजीव कुमार पुत्र बजरो राम ने साल 2022 में सेना की वर्दी पहनी
विनोद कुमार पुत्र कृष्ण चंद साल 2024 में सेना में भर्ती हुए
अनिल कुमार पुत्र कृष्ण चंद साल 2025 में सेना में भर्ती हुए
लेख राज पुत्र बजरो राम भी साल 2025 में सेना में भर्ती हुए
इस परिवार के बेटों की सेना में जाने की शुरूआत साल 2014 में हुई थी। जब सबसे बड़े बेटे संजू 2014 में भारतीय सेना में भर्ती हुए। संजु को सेना की वर्दी में देख कर अन्य भाईयों में भी देश सेवा के प्रति उत्साह भर गया। जिसके बाद बिना किसी कोचिंग के कड़ी मेहनत के सभी ने अपने इस सपने को पूरा किया। इन पांचों भाईयों ने बिना किसी महंगी कोचिंग या ट्रेनिंग सेंटर के ही अपने सपने को सच कर दिखाया।
परिवार के लोग बताते हैं कि पांचों भाइयों के दादा स्वर्गीय दुआनू राम खुद सेना में जाना चाहते थे, लेकिन विपरित परिस्थितियों के कारण वह भर्ती नहीं हो पाए। आज उनके पांचों पोतों ने सेना में शामिल होकर न केवल अपने दादा के अधूरे सपने को पूरा किया है, बल्कि परिवार की तीन पीढ़ियों के गर्व को एक नई ऊंचाई दी है।










