मेरा हिमाचल, चिट्टा मुक्त हिमाचलः मुख्यमंत्री चिट्टे के विरुद्ध बिलासपुर में उमड़ा जन सैलाब कोटला बड़ोग पुनर्वास केंद्र के लिए जारी किए 20 करोड़ रुपये: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में चिट्टे के खिलाफ व्यापक जन आंदोलन के तहत आज बिलासपुर में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) से लुहणु मैदान तक आयोजित एंटी चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन का नेतृत्व किया, जिसमें समाज के सभी वर्गों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इसमें भारी संख्या में विद्यार्थी, जन प्रतिनिधि, अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। पूरा बिलासपुर शहर चिट्टा विरोधी नारों से गूंज उठा।

मुख्यमंत्री ने वॉकथॉन आरम्भ होने से पहले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर में उपस्थित लोगों को चिट्टे और मादक पदार्थों के सेवन के खिलाफ जागरूकता शपथ भी दिलाई।

लुहणु मैदान में उपस्थित जनसैलाब को सम्बोधित करते हुए श्री सुक्खू ने समाज के प्रत्येक वर्ग से चिट्टे के खिलाफ जन-आन्दोलन का हिस्सा बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की चिट्टे के खिलाफ लड़ाई इसलिए है क्योंकि यह हमारे बच्चों और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि समाज में बदलाव हमेशा युवाओं ने ही लाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस बार भी युवा ही हमारे साथ मिलकर हिमाचल को चिट्टे से मुक्त करेंगे।

श्री सुक्खू ने कहा कि चिट्टा कोई साधारण नशा नहीं है, बल्कि यह ऐसा जहर है, जो बच्चों की मुस्कान छीन लेता है और युवाओं के सपनों को जला देता है तथा परिवारों तथा समाज को तबाह कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसी सोच के साथ 15 नवंबर को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से चिट्टे के खिलाफ जन-आंदोलन की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में एंटी चिट्टा वालंटियर योजना आरम्भ करने जा रही है। इस योजना के तहत कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, एनसीसी, एनएसएस, युवा क्लबों और समाज के जागरूक युवाओं को एंटी-चिट्टा वॉलंटियर के रूप में जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें इस लड़ाई के खिलाफ योद्धा बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि चिट्टा तस्करों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है और नशे के शिकार व्यक्तियों के लिए पुनर्वास पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला के कोटला बड़ोग में बन रहे पुनर्वास केंद्र के लिए राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की कार्रवाई सिर्फ भाषणों, नारों और वॉकथॉन तक सीमित नहीं है बल्कि ठोस इरादों और परिणामों के साथ इसे धरातल पर उतारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि 17 से 19 नवंबर को राज्यव्यापी नाका अभियान में 208 विशेष नाके, 27,982 वाहनों की गहन जांच, कई एनडीपीएस एक्ट के मामले दर्ज तथा 33 गिरफ्तारियां की गईं। उन्होंने कहा कि 22 नवंबर को पूरे प्रदेश में समकालिक तलाशी और छापेमारी, 124 स्थानों पर कार्रवाई, 9 एनडीपीएस मामले और 9 आरोपी गिरफ्तार किए गए। उन्होंने कहा कि 25 दिसम्बर को शैक्षणिक संस्थानों के आसपास की दुकानों पर विशेष अभियान, 41 संस्थान, 598 दुकानें, 12 मामले दर्ज और 385 चालान किए गए।

श्री सुक्खू ने कहा कि पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट का उपयोग उन व्यक्तियों को रोकने के लिए किया जा रहा है जो लगातार चिट्टे तस्करी या अवैध ड्रग नेटवर्क से जुड़े रहते हैं, ताकि वे भविष्य में इस अवैध गतिविधि को जारी न रख सकें और समाज को नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि 6 और 19 दिसंबर को पीआईटी और एनडीपीएस के तहत 19 कुख्यात चिट्टा तस्करों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उनको हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि पीआईटी और एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत अभी तक 66 आपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 दिसंबर को पुलिस और औषधि विभाग ने पूरे प्रदेश में 33 बंद, निलंबित और लाइसेंसधारी दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण किया। इसमें 4 इकाइयों में अनियमितताएं पाई गईं और नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य नकली, बिना लाइसेंस वाली और मनो-संवेदी दवाओं के अवैध निर्माण और वितरण को रोकना है। उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को निर्जन और अर्ध-सार्वजनिक स्थानों पर राज्य-स्तरीय सर्च ऑपरेशन, 301 युवाओं की जांच और काउंसलिंग की गई।

उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर को चिट्टे से प्रभावित 234 पंचायतों में समकालिक बैठकों का आयोजन किया गया, जिनमें नशा तस्करी से संबंधित स्थानीय सूचनाओं की समीक्षा, समुदाय आधारित जागरूकता अभियानों की रूपरेखा तथा आगामी रोकथाम एवं प्रवर्तन रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई। इन बैठकों का उद्देश्य पंचायत स्तर पर नशामुक्ति प्रयासों को सुदृढ़ करना और समुदायों को अभियान का सक्रिय भागीदार बनाना था। उन्होंने कहा कि 19 व 20 दिसंबर को चिन्हित मेडिकल दुकानों पर कार्रवाई, भारी मात्रा में नशीली दवाएं और 24 लाख रूपये नकद जब्त किए गए हैं। इसके अलावा सरकारी भूमि पर या चिट्टे के धंधे से कमायी गई चिट्टा तस्करों की अवैध संपत्तियों पर भी सख्त कार्रवाई की गई है। इस तरह के अतिक्रमण एवं अवैध भवन निर्माण के कुल 72 मामलों में से 14 में कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है, शेष मामलों में राजस्व विभाग स्तर पर आगे की कार्रवाई प्रगति पर है।

नगर नियोजन तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, पूर्व मंत्री राम लाल ठाकुर, पूर्व विधायक तिलक राज तथा बंबर ठाकुर, नशा निवारण बोर्ड के सह संयोजक संजय भारद्वाज, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, उपायुक्त राहुल कुमार, पुलिस अधीक्षक संदीप धवल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

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