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हिमाचल प्रदेश में मानसून का असर अब भी कम होने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को जारी यैलो अलर्ट के बीच धर्मशाला और धौलाकुआं में झमाझम बारिश हुई, जबकि राजधानी शिमला में केवल बूंदाबांदी दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र ने साफ किया है कि फिलहाल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट हटा दिया गया है, लेकिन अगले छह दिनों तक यैलो अलर्ट लागू रहेगा। इसका अर्थ है कि अलग-अलग जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना बनी रहेगी।
इन जिलों के लिए चेतावनी जारी
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और सिरमौर में भारी बारिश हो सकती है। रविवार को इसका दायरा और बढ़ेगा और सात जिलों- ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में तेज बारिश की चेतावनी है।
सोमवार को मंडी, शिमला और सिरमौर, 25 अगस्त को केवल सिरमौर, जबकि 26 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
बारिश से नुकसान
लगातार बरसात के कारण आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। शुक्रवार शाम तक पूरे प्रदेश में एक राष्ट्रीय राजमार्ग और 316 संपर्क सड़कें बंद रहीं। कुल्लू जिले में एनएच-305 पर बालीचौकी और गजाडाहर फरेड़ नाले के पास यातायात ठप है।
अकेले मंडी जिले में 157 और कुल्लू में 105 सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह रुकी हुई है। इसके अलावा 110 बिजली ट्रांसफार्मर और 131 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं।
आधिकारिक तौर पर दर्ज आंकड़े
इस मानसून सीजन की तबाही का आंकड़ा भी चिंताजनक है। 20 जून से अब तक 295 लोगों की मौत हो चुकी है, 350 से अधिक घायल हुए हैं और 37 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। राज्य को अब तक 2,326 करोड़ रुपए से ज्यादा का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं, भूस्खलन की 74, फ्लैश फ्लड की 75 और बादल फटने की 39 घटनाएं आधिकारिक तौर पर दर्ज हो चुकी हैं।