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हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला एक बार फिर गर्व से सिर ऊंचा कर रहा है। नेरचौक के चामुंडा कॉलोनी निवासी लेफ्टिनेंट कमांडर क्षितिज वशिष्ठ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वीरता और कर्तव्यनिष्ठा के लिए ‘मेंशन इन डिस्पैच’ सम्मान प्रदान किया।
हिमाचल के बेटे को मिला बड़ा सम्मान
यह सम्मान क्षितिज को ड्यूटी के दौरान बाढ़ प्रभावित इलाके में अदम्य साहस दिखाते हुए कई लोगों की जान बचाने के लिए दिया गया है। क्षितिज वशिष्ठ भारतीय नौसेना में सी किंग हेलीकॉप्टर के कैप्टन के रूप में तैनात हैं। बीते वर्ष आंध्र प्रदेश में आई गोदावरी नदी की विनाशकारी बाढ़ के दौरान उन्होंने राहत एवं बचाव अभियान की कमान संभाली थी।
कठिन मौसम और तेज हवाओं के बीच उन्होंने अपनी टीम के साथ 120 समुद्री मील लंबी उड़ान भरते हुए 28 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान न केवल तकनीकी कौशल बल्कि उनका नेतृत्व और साहस भी बेमिसाल रहा। उनके इस अदम्य साहस और समर्पण ने नौसेना के साथ-साथ पूरे देश का गौरव बढ़ाया।
परिवार के लिए गौरव का क्षण
नेरचौक की चामुंडा कॉलोनी में रहने वाले क्षितिज के पिता वी.पी. वशिष्ठ, हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड में सहायक अभियंता रह चुके हैं, जबकि माता माला वशिष्ठ ट्रेजरी विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं।
परिवार के अनुसार, क्षितिज बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। वर्ष 2008 में डीएवी स्कूल नेरचौक से 10वीं पास की और प्रदेश मेरिट लिस्ट में सातवां स्थान हासिल किया। इसके बाद हिम अकादमी पब्लिक स्कूल हमीरपुर से 12वीं की पढ़ाई पूरी की, जहां भी वे मेरिट में शामिल रहे।ट
सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की
2015 में NIT हमीरपुर से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उसी वर्ष यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम (यूईएस) के जरिए भारतीय नौसेना में चयनित होकर सब-लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त किया।
कहां दे रहे सेवाएं?
वर्तमान में वे विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी नौसेना कमान में लेफ्टिनेंट कमांडर के पद पर स्टाफ पायलट के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। क्षेत्र में क्षितिज को सम्मान मिलने की खबर फैलते ही खुशी का माहौल है। स्थानीय लोग, रिश्तेदार और मित्र घर पहुंचकर परिवार को बधाई दे रहे हैं। मंडी जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इसे प्रदेश का गौरव बताया।
‘मेंशन इन डिस्पैच’ भारतीय सशस्त्र बलों का एक विशिष्ट सम्मान है, जो उन सैनिकों को दिया जाता है जिन्होंने कर्तव्य के दौरान असाधारण साहस, वीरता या उल्लेखनीय सेवा का प्रदर्शन किया हो। इस वर्ष राष्ट्रपति ने 290 सैनिकों को यह सम्मान प्रदान करने की मंजूरी दी, जिनमें हिमाचल के बेटे क्षितिज वशिष्ठ का नाम भी शामिल है।