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हिमाचल प्रदेश में पैंशनर्ज अपनी लंबित मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। प्रदेश के दो प्रमुख पैंशनर संगठनों ने अलग-अलग तारीखों पर सभी जिला मुख्यालयों में धरने-प्रदर्शन का ऐलान किया है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ना तय है।
हिमाचल प्रदेश पैंशनर्ज एसोसिएशन 14 अक्तूबर को प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन करेगी। इसकी तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर जारी है। इसी कड़ी में टुटू ब्लॉक पैंशनर्ज इकाई की एक बैठक ब्लॉक अध्यक्ष कुंदन लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में हिमाचल प्रदेश पैंशनर्ज ज्वाइंट फ्रंट के अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा ने विशेष रूप से शिरकत की। उन्होंने कहा कि टुटू ब्लॉक से सैकड़ों पैंशनर शिमला में होने वाले प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
आत्मा राम शर्मा ने सरकार पर पैंशनर्ज की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि 1 जनवरी 2016 से 1 जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए पैंशनरों की लाखों रुपए की देनदारियां बकाया हैं। मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है और 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता भी लंबित है।” उन्होंने सरकार से तत्काल इन मांगों को पूरा करने की अपील की।
प्रदेश संयुक्त संघर्ष समिति 17 अक्तूबर को देगी सांकेतिक धरना
दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश के पैंशनर दो गुटों में बंटे नजर आ रहे हैं। एक एसोसिएशन जहां 14 अक्तूबर को प्रदर्शन कर रही है, वहीं प्रदेश संयुक्त संघर्ष समिति ने 17 अक्तूबर को जिलाधीश कार्यालयों के बाहर सांकेतिक धरने का ऐलान किया है। समिति के महासचिव भूप राम वर्मा ने बताया कि उनके प्रदर्शन को प्रदेश उच्च न्यायालय पैंशनर्ज वैल्फेयर एसोसिएशन समेत 18 अन्य संगठनों ने समर्थन देने का आश्वासन दिया है।