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हिमाचल के हमीरपुर जिले में महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने अब सोशल मीडिया पर नाबालिग आरोपी की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है। पुलिस ने आरोपी नाबालिग की तस्वीरें और उसकी पहचान संबंधी जानकारी शेयर करने वाले कई फेसबुक यूजर्स को तलब किया है और पूछताछ का क्रम जारी है।
फोटो वायरल करने वाले थाने तलब
SP हमीरपुर भगत सिंह ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि मामला बेहद गंभीर है और जांच को प्रभावित करने वाली किसी भी ऑनलाइन गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपी की आयु के संबंध में पुलिस के पास स्पष्ट प्रमाण मौजूद हैं। जन्म-प्रमाण रिकॉर्ड के अनुसार आरोपी की जन्म तिथि वर्ष 2011 की है, जिसके आधार पर उसकी आयु 14 वर्ष बैठती है। इसलिए यह मामला किशोर न्याय अधिनियम के दायरे में आता है और कानून के तहत नाबालिग की पहचान को सार्वजनिक करना दंडनीय अपराध है।
SP ने कहा कि कुछ लोग बिना तथ्य जाने सोशल मीडिया पर अफवाहें, भड़काऊ पोस्ट और आरोपी की फोटो शेयर कर रहे हैं, जो कानून का सीधा उल्लंघन है। ऐसे यूजर्स को पुलिस द्वारा नोटिस भेजा गया है और करीब दो दर्जन लोगों को थाने में बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी यदि कोई नाबालिग की पहचान या भ्रामक सूचना पोस्ट करता पाया गया, तो FIR दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विदित रहे कि, बीती 3 नवंबर को हमीरपुर के सासन गांव में एक महिला की हत्या कर दी गई थी। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी को चिन्हित किया, जो कि नाबालिग पाया गया। पूछताछ में नाबालिग ने अपराध स्वीकार किया, जिसके बाद उसे ऊना स्थित ऑब्जर्वेशन होम में रखा गया है। मामले की जांच जारी है।
पुलिस की अपील
किसी भी अप्रमाणित जानकारी को सोशल मीडिया पर साझा न करें। यदि किसी के पास महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं, तो उन्हें सीधे थाना या एसपी कार्यालय में प्रस्तुत करें। संवेदनशील मामलों में सोशल मीडिया ट्रायल से परहेज करें, क्योंकि इससे जांच प्रभावित होती है।









