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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बालीचौकी उपमंडल में एक बड़ा हादसा टल गया। जहां देर रात मुख्य बाजार में दो मंजिला इमारत भरभरा कर ढह गई। इस भवन में करीब 30 कमरे और आठ दुकानें थीं। गनीमत यह रही कि प्रशासन ने समय रहते भवन को खाली करवा दिया था, जिससे बड़ी त्रासदी होने से बच गई।
यहां अपनी रोज़ी-रोटी चलाते थे कई लोग
जानकारी के अनुसार, यह इमारत स्थानीय निवासियों बली राम और बीरी सिंह की थी। दोनों ने इसे किराए पर दे रखा था। यहां लगभग 60 परिवार रहते थे और 40 से अधिक दुकानदार अपनी रोज़ी-रोटी चलाते थे।
बुधवार को अचानक जमीन खिसकने और दरारें आने का सिलसिला शुरू हुआ। प्रशासन को हालात गंभीर लगे, इसलिए तुरंत मकान खाली करवाया गया। इसी दौरान रात को पूरी इमारत ताश के पत्तों की तरह जमींदोज हो गई। हादसे का लाइव वीडियो भी सामने आया है, जिसे देखकर लोग सहम गए।
राहत शिविरों में शिफ्ट किए लोग
प्रभावित परिवारों और दुकानदारों को फिलहाल प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। कुछ लोग अपना सामान निकालने में सफल रहे, लेकिन काफी सामग्री मलबे में दब गई है।
वहीं, जमीन धंसने के कारण बालीचौकी से शारश, खलाओ और रही जाने वाले कई रास्ते भी ध्वस्त हो चुके हैं। बच्चों के स्कूल जाने का मार्ग तक बाधित हो गया है। एसडीएम बालीचौकी देवी चंद ने बताया कि, प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है और प्रभावितों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
दो साल से जारी है जमीन धंसने का सिलसिला
यह पहला मौका नहीं है जब बालीचौकी क्षेत्र में ऐसी स्थिति बनी हो। वर्ष 2023 में भी यहां नाग मंदिर के पास पहाड़ खिसकने से छह भवन जमींदोज हो गए थे। भूगर्भीय विशेषज्ञों का कहना है कि यह पूरा इलाका एक किलोमीटर की तीखी ढलान पर बसा हुआ है, जहां मिट्टी कमजोर और चट्टानें भुरभुरी हैं। लगातार हो रहे धंसाव से यह खतरे का क्षत्र बन चुका है।