Himachal : 7 पंचायत सचिव सहित 2 पंचायत इंस्पेक्टर सस्पेंड, निहरी और भरमौर BDO को भी शो कॉस नोटिस, राज्य चुनाव आयोग ने मांगा जवाब

Khabron wala 

हिमाचल में पंचायती राज संस्थाओं के लिए तैयार की जाने वाली वोटर लिस्ट प्रारूप में लापरवाही बरतने पर पंचायत इंस्पेक्टर और पंचायत सचिवों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. राज्य चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए एक पंचायत इंस्पेक्टर निहरी, एक पंचायत सब इंस्पेक्टर भरमौर सहित 7 पंचायत सचिवों को सस्पेंड कर दिया है, जिसमें BDO भरमौर के तहत 3 और BDO निहरी के अंतर्गत 4 पंचायत सचिवों पर निलंबन की गाज गिरी है.

इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने निहरी और भरमौर के खंड विकास अधिकारियों (BDO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. आयोग ने दोनों अधिकारियों से 25 अक्टूबर तक जवाब तलब किया है. बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई चुनावी कार्यों में लापरवाही और निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन न करने के आरोपों के आधार पर की गई है. वहीं, सस्पेंशन के दौरान इनका संबंधित जिला पंचायत अधिकारी (DPO) ऑफिस में फिक्स किया गया है.

राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची ने कहा, “वोटर लिस्ट में गड़बड़ी सामने आने पर एक पंचायत इंस्पेक्टर, एक पंचायत सब इंस्पेक्टर सहित 7 पंचायत सचिवों को सस्पेंड किया गया है. इस तरह की लापरवाही पाए जाने पर BDO भरमौर और BDO निहरी को भी शो कॉज नोटिस जारी किया गया है”.

राज्य निर्वाचन आयोग केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) की वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट रोल लेता है, जिसके लिए फाइनल वोटर लिस्ट प्रारूप तैयार करने से पहले संबंधित वोटर लिस्ट प्रारूप को ग्राम सभा की बैठकों में रखा जाता है. जिसमें संबंधित पंचायत के लोग देखते हैं कि कही वोटर लिस्ट में कोई गलती तो नहीं रह गई है. वोटर लिस्ट में किसी मृत व्यक्ति का नाम तो शामिल नहीं है, किसी व्यक्ति का नाम दूसरे वार्ड को तो शिफ्ट नहीं हुआ है. कहीं, वोटर लिस्ट में दर्ज नाम में कोई गलती तो नहीं रह गई है. कोई नाम सूची में शामिल होने से रह तो नहीं गया है. इस संबंधित प्रारूप को ग्राम सभा की बैठक में रखे जाने के बाद फिर वोटर लिस्ट का फाइनल प्रारूप तैयार होता है. लेकिन जब राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित ग्राम सभा में रखे जाने वाले वोटर लिस्ट प्रारूप को बदला तो ये सॉफ्टवेयर में 2022 का प्रारूप पाया गया. ऐसे राज्य निर्वाचन आयोग ने इस लापरवाही BDO निहरी और BDO भरमौर को कारण बताओं नोटिस जारी किया है. जिसका जवाब इन अधिकारियों को 25 अक्टूबर तक मांगा गया है.

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