हिमाचल: यह गांव आज भी सड़क सुविधा को तरस रहे, कई मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही तोड़ देते हैं दम

Khabron wala 

आजादी के 78 साल बीत जाने के बाद भी उपतहसील तेलका की भजोत्रा पंचायत के कई गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं, जिसके चलते उक्त गांव के लोगों को अभी भी मीलों पैदल सफर करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत भजोत्रा के द्रोड़, शाला, रणहोटी, मटवाड़, जलेली, भोता, चटेला, भिड़ व पोठा आदि गांव अभी भी सड़क सुविधा को तरस रहे हैं।

परिणामस्वरूप यहां के लोगों को अपने जरूरत की सामग्री पीठ पर या खच्चरों पर लादकर घर को ले जानी पड़ रही है। ग्राम पंचायत भजोत्रा के उपप्रधान कमलेश कपूर, वार्ड सदस्य घबर सिंह तथा लोगों में दर्शन कुमार, संदीप कुमार, संजय कुमार, कालू राम, रमेश कुमार, बोधी राम, कमलेश कुमार, तिलक राज, करनैलो राम, सुरेश कुमार व मान सिंह आदि का कहना है कि इतने वर्षों के बाद भी उनके गांव में सड़क न होने के कारण उनको परेशानी उठानी पड़ती है।

लोगों को बीमार मरीजों को पालकी में डालकर सड़क तक ले जाना पड़ता है। ऐसे में कई बार मरीजों की जान जा चुकी है। हाल ही में एक वृद्ध को अस्पताल ले जाते समय उन्होंने पालकी में ही दम तोड़ दिया, जिससे उनको रास्ते से ही मृत घर ले आना पड़ा। लोगों का कहना है कि उन्होंने विभाग को वतरवाह से द्रोड़ गांव के लिए सड़क मार्ग बनाने की मांग की थी, जिसका सर्वेक्षण कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है।

रजत सहगल, सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग, भलेई का कहना है कि लोगों की मांग को देखते हुए वतरवाह से द्रोड़ गांव के लिए सड़क मार्ग का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर आगामी कार्यवाही की जाएगी।

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