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हिमाचल प्रदेश में मानसून का रौद्र रूप लगातार लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो रही भारी बारिश के चलते बाढ़, फ्लैश फ्लड, बादल फटना और अब भूस्खलन आम घटनाएं बनती जा रही हैं। हाल ही में मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल के पुंघ क्षेत्र में एक बड़ा हादसा सामने आया, जिसने इस संकट की गंभीरता को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
पहाड़ दरकने से मलबे में दफन हुआ पेट्राल पंप
शुक्रवार देर रात की बात है जब भारी बारिश के कारण एक पहाड़ी का बड़ा हिस्सा दरक गया और उसका सारा मलबा सीधे इंडियन ऑयल के एक पेट्रोल पंप पर आ गिरा। इस हादसे में पेट्रोल पंप का संपूर्ण ढांचा नष्ट हो गया और यह पूरी तरह मलबे में दब गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि घटना से ठीक पहले पेट्रोल पंप के कर्मचारी और प्रबंधन ने सतर्कता दिखाते हुए स्थान खाली कर दिया, जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
भूस्खलन की इस भयावह घटना में पेट्रोल पंप मालिक को लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। पेट्रोल पंप में मौजूद कुछ आवश्यक सामान को कर्मचारियों ने समय रहते बाहर निकाल लिया था, लेकिन अधिकांश ढांचा और मशीनें मलबे में दबकर नष्ट हो गईं। लगभग पूरा पेट्रोल पंप ही मलबे में दफन हो गया है।
घटना की जानकारी मिलते ही सुंदरनगर के एसडीएम अमर नेगी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जिला मंडी में मानसून जनित घटनाओं से अब तक कई जगह नुकसान हो चुका है और पुंघ की यह घटना सबसे बड़ी में से एक है। उन्होंने यह भी बताया कि मलबा हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग की मशीनों को मौके पर तैनात किया गया है और जल्द ही राहत कार्य तेज किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में इस बार मानसून कहर बनकर टूटा है। प्रदेश भर से लैंडस्लाइड, सड़कें बंद होने, नदियों का जलस्तर बढ़ने और बादल फटने जैसी घटनाओं की खबरें लगातार आ रही हैं। खासकर मंडी, चंबा, कुल्लू, शिमला और किन्नौर जिलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। कई स्थानों पर आवागमन पूरी तरह बाधित है और पर्यटकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की गई है कि अनावश्यक रूप से यात्रा न करें और नदी.नालों के आसपास न जाएं। साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों को सतर्क रहने और भूस्खलन संभावित स्थानों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
पुंघ में हुआ यह हादसा एक चेतावनी है कि हिमाचल प्रदेश में बदलते मौसम और मानसूनी आपदाओं को लेकर गंभीर तैयारी की जरूरत है। प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाएं न केवल जान.माल को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और पर्यटन पर भी असर डाल रही हैं।