Khabron wala
कांगड़ा जिला की तहसील धीरा के अंतर्गत आते पनापर गांव में देर रात एक एक गऊशाला में अचानक आग लगने से एक गाय की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि दूसरी गाय बुरी तरह से झुलस गई है। यह घटना पीड़ित परिवार के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं है, क्योंकि यह पशुधन ही उनकी आजीविका का एकमात्र साधन था।
जानकारी के अनुसार पनापर निवासी रजनीश कुमार की पत्नी बुधवार शाम को अपनी गऊशाला में पशुओं को चारा-पानी देने के बाद उन्हें बांधकर अपने घर चली गई थी। पीड़ित परिवार का घर गऊशाला से काफी दूरी पर स्थित है, जिसके कारण रात में लगी आग की भनक किसी को नहीं लग पाई। गुरुवार सुबह जब महिला का जेठ कविन्द्र गऊशाला की तरफ गया तो वहां का मंजर देखकर सन्न रह गया। गऊशाला पूरी तरह जलकर राख के ढेर में तब्दील हो चुकी थी। उन्होंने तुरंत फोन कर घटना की जानकारी रजनीश की पत्नी और परिवार को दी। सूचना मिलते ही ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इस भीषण अग्निकांड में 7 माह की गाभिन (गर्भवती) गाय की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि एक अन्य दुधारू गाय बुरी तरह झुलस गई है। गऊशाला में केवल यही दो पशु बंधे थे। गांव की प्रधान पुन्या देवी ने बताया कि यह परिवार आर्थिक रूप से इसी पशुधन पर निर्भर था। उन्होंने प्रशासन से पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है। गऊशाला में आग कैसे लगी, यह अभी तक एक रहस्य बना हुआ है। जिस जगह यह घटना हुई, वहां न तो कोई आबादी है और न ही बिजली का कोई कनैक्शन, साथ ही लोगों के घर भी काफी दूर हैं। ऐसे में आग लगने के कारणों को लेकर संशय बना हुआ है।
उधर, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस चौकी धीरा से जांच अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। वहीं, इलाके की पटवारी मोहिनी भट्ट ने भी घटनास्थल का दौरा किया। पटवारी मोहिनी भट्ट ने बताया कि नुक्सान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम धीरा को भेज दी गई है। प्रशासन की ओर से स्वीकृति मिलते ही पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि प्रदान कर दी जाएगी, ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके।












