HRTC का बड़ा फैसला: अब फ्री सफर के लिए ”हिम बस कार्ड” होगा अनिवार्य, जानिए पूरी प्रक्रिया

Khabron wala 

हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) ने अपनी बसों में निःशुल्क और रियायती यात्रा सुविधाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से आरएफआईडी (RFID) आधारित हिम बस कार्ड प्रणाली लागू की है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल के अनुसार, अब प्रदेश भर में इन लाभों को प्राप्त करने के लिए हिम बस कार्ड अनिवार्य होगा। कार्ड न होने पर यात्री को पूरा किराया देना होगा। कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, हालांकि इसे लागू करने की तारीख अभी तय नहीं हुई है।

आवेदन प्रक्रिया और शुल्क

पात्र आवेदक एचआरटीसी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले ‘Signup for Citizen Login’ विकल्प के माध्यम से हिम एक्सेस पोर्टल पर HIMACCESS ID बनानी होगी। भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यमों से ही स्वीकार किए जाएंगे।

शुल्क विवरण:

प्रारंभिक शुल्क (पहले वर्ष): ₹200 + जीएसटी (इसमें पहले वर्ष की रियायत शामिल है)।

वार्षिक नवीनीकरण शुल्क (दूसरे वर्ष से): ₹150 से अधिक।

नया कार्ड शुल्क (गुम/क्षतिग्रस्त होने पर): ₹200।

नया कार्ड प्रारंभिक तौर पर एक वर्ष के लिए वैध होगा, जिसके बाद इसकी वैधता वार्षिक नवीनीकरण पर निर्भर करेगी।

कार्ड प्राप्त करने के विकल्प

आवेदक चाहें तो कार्ड को चयनित एचआरटीसी पास कलेक्शन सेंटर/काउंटर से प्राप्त कर सकते हैं। यदि कार्ड डाक से मंगवाया जाता है, तो डाक विभाग द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार ₹56 (जीएसटी सहित) का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

पात्र श्रेणियाँ

हिम बस कार्ड के लिए निम्नलिखित श्रेणियां पात्र होंगी:

विद्यार्थी: स्कूली (जमा दो तक), कॉलेज, मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और केंद्रीय विद्यालयों (कक्षा 10 तक) के छात्र/छात्राएं।

सरकारी/निगम कर्मचारी: राज्य/केंद्र सरकार के कर्मचारी, निगम एवं बोर्डों के कर्मचारी, पुलिस कर्मी (कांस्टेबल से इंस्पेक्टर), जेल विभाग के अधिकारी, हिमाचल सचिवालय के सुरक्षा गार्ड।

सम्मानित व्यक्ति/अन्य: पूर्व विधायक/पूर्व सांसद, स्वतंत्रता सेनानी एवं उनकी पत्नियां, मान्यता प्राप्त पत्रकार (राज्य/जिला), सशस्त्र बलों के गैलेंट्री अवार्ड विजेता और वीर नारियां, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक, राज्य पुरस्कार प्राप्त बच्चे (21 वर्ष तक)।

अन्य: विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति, एचआरटीसी के सेवानिवृत्त व मृत कर्मचारियों की विधवाएं, महिलाएं, निजी व्यवसायी/आम जनता (पात्र श्रेणियां), कुष्ठ रोगी।

यह नई प्रणाली एचआरटीसी की सेवाओं में ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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