2 साल से HRTC चालक-परिचालकों को नहीं मिली वर्दी, प्रबंधन कर रहा चालान

Khabron wala 

एचआरटीसी मेें कर्मचारियों की स्थिति बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां कर्मचारियों को वेतन समय पर नहीं मिला है और पैंशनरों को पैंशन। वहीं बसों में दिन-रात सेवाएं दे रहे चालक-परिचालकों को 2 साल से वर्दी नहीं मिल रही है। वहीं हैरानी इस बात की है कि चालक-परिचालकों के वर्दी न पहनने पर चालक-परिचालकों के 1000 से 1500 रुपए चालान हो रहे हैं। यह चालान प्रबंधन टीम सहित प्रशासनिक स्तर भी हो रहे हैं।

चालक-परिचालकों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा वर्दी दी ही नहीं गर्ई है तो कभी-कभी बिना वर्दी के चालक-परिचालकों के चालान भी क्यों किए जा रहे हैं। एचआरटीसी परिचालक यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष प्रीत महेंद्र व महासचिव दिपेंद्र कंवर का कहना है कि दूसरा वर्ष होने जा रहा है और चालक परिचालकों को वर्दी नहीं मिली है। अब दो साल पहले दी गई वर्दीयां कि तने दिन चलेगी। जो वर्दी सुबह से लेकर शाम तक रोजाना पहनी जा रही है वह तो फटेगी ही। ऐसे मेें प्रशासन व प्रबंधन को चालान न किए जाने के आदेश जारी करने चाहिए जब तक वर्दी चालक-परिचालकों को नहीं दी जाती है।

पुलिस व आरटीओ करती है चालान तो प्रबंधन दे जुर्माने की राशि

वहीं वर्दी मिलने को लेकर हिमाचल पथ परिवहन निगम सर्व कर्मचारी यूनियन के महासचिव खमेंद्र गुप्ता ने कहा कि एक तो वर्दी नहीं मिल रही है। वहीं प्रदेश भर में चालक-परिचालकों के चालान हो रहे हैं। ऐसे में चालक-परिचालकों को जेब से 1 हजार से 1500 रुपए तक देने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रबंधन की ओर से वर्दी दी ही नहीं गई है तो यह चालान की राशि भी प्रबंधन को ही देनी चाहिए ताकि दिन-रात बसों में सेवाएं दे रहे चालक-परिचालकों पर चालान का अधिक बोझ न पड़े।

चालक परिचालकों को मिलती है साल में 2 वर्दियां

निगम के चालक-परिचालकों को वर्ष में दो वर्दियां मिलती हैं। इसमें एक गर्मी और एक सर्दी की। सितम्बर माह में चौथी वर्दी मिलनी है लेकिन यह नहीं मिली है। उधर निगम प्रबंधन का कहना है कि वर्दी को लेकर टैंडर प्रक्रिया जारी है। जल्द ही चालक-परिचालकों को वर्दीयां उपलब्ध करवाई जाएंगी।

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