HRTC पैंशनरों को नहीं मिली 2 माह की पैंशन, 15 को शिमला में होगा प्रदर्शन

Khabron wala 

एचआरटीसी पैंशनरों को 2 माह से पैंशन नहीं मिली है। समय पर पैंशन व अन्य वित्तीय लाभ न मिलने से नाराज एचआरटीसी पैंशनर्ज संयुक्त संघर्ष समिति ने निगम प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 15 अक्तूबर को प्रदेशभर से पैंशनर्ज शिमला में एकत्रित होकर धरना-प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में पैंशनर्ज के परिवार के सदस्य भी भाग लेंगे। एचआरटीसी पैंशनर्ज संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले हो रहे इस प्रदर्शन में निगम में पैंशनरों की सभी यूनियनें भाग लेंगी। इस दिन पैंशनर्ज अपने आंदोलन की आगामी रूपरेखा भी तैयार करेंगे।

शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते सचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि समिति निगम प्रबंधन के लगातार आश्वासनों के बावजूद पैंशनर्ज की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है, जिस कारण अब वे सामूहिक आंदोलन को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि समिति ने दिसम्बर 2023 से अब तक कई बार सरकार और निगम प्रबंधन से वार्ता की और ज्ञापन सौंपे गए हैं। धर्मशाला और शिमला में विधानसभा सत्रों के दौरान रैलियां व धरने-प्रदर्शन किए गए। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से बार-बार मुलाकात कर पैंशन व चिकित्सा बिलों के भुगतान का वायदा लिया, लेकिन आज तक वायदे पूरे नहीं हुए। अगस्त का महीना पैंशन दिए बिना गुजर गया, जिससे पैंशनर्ज में गहरी नाराजगी है।

समिति ने पथ परिवहन निगम के सभी पैंशनरों से चाहे वे किसी संगठन से जुड़े हों या नहीं, 15 अक्तूबर को शिमला में परिवार सहित पहुंच कर संख्या बल का प्रदर्शन करने की अपील की है। पैंशनर्ज की यह एकजुटता ही सरकार और निगम प्रबंधन को समस्याओं के समाधान के लिए मजबूर करेगी। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष के.सी. चौहान, प्रधान देवराज ठाकुर, देवेंद्र चौहान, सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के अध्यक्ष बृजलाल ठाकुर व उपाध्यक्ष जसमेर ठाकुर सहित अन्य पैंशनर्ज मौजूद रहे।

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Khabron wala हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थान देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान ने अब एक नया इतिहास रच दिया है। दरअसल हिमाचल के मंडी जिला में स्थित आईआईटी मंडी के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। नवाचार और स्टार्टअप की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्थान को देशभर में यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर का खिताब मिला है। आईआईटी मंडी को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा दिल्ली में आयोजित एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड्स 2025 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संस्थान को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर और एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एंप्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप शामिल हैं। यह सम्मान आईआईटी मंडी को हिमालयी क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दिया गया है। संस्थान के नवाचार आधारित शोध कार्यों ने न केवल युवाओं को नए अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर भी अग्रसर किया है। नवाचार और स्टार्टअप्स में नई पहचान आईआईटी मंडी बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरा है। संस्थान की रिसर्च लैब्स और इनक्यूबेशन सेंटर ने सैकड़ों युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया है। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक इन स्टार्टअप्स ने नई दिशा दी है। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने कहा कि यह उपलब्धि पूरे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। यह सम्मान हमारे संकाय छात्रों और स्टाफ की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हम नवाचार की संस्कृति को मजबूत कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान का फोकस केवल शोध तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग, उद्योगों से साझेदारी और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर भी है। आईआईटी मंडी का मानना है कि देश में तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाकर ही रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। यही कारण है कि संस्थान में कई शोध परियोजनाएं सीधे सामाजिक और औद्योगिक जरूरतों से जुड़ी हुई हैं। इस उपलब्धि के बाद आईआईटी मंडी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका लक्ष्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी उसकी भूमिका अहम होगी।

पैंशनरों की ये हैं मांगें

पैंशनरों ने 65, 70 और 75 वर्ष आयु पर आधारित भत्ते का 2014 से एरियर जारी किए जाने की मांग की है। इसके अतिरिक्त 2015 से लंबित डीए एरियर का भुगतान, पैंशन हर माह की पहली तारीख को दी जाए और इसका स्थायी समाधान निकाला जाए। मार्च 2024 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पैँशन व अन्य लाभ दिए जाएं और चिकित्सा बिलों का एकमुश्त भुगतान किए जाने की मांग सरकार व निगम प्रबंधन से की है। इसके अतिरिक्त 1 जनवरी, 2016 से लागू वेतनमान व पैंशन, ग्रैच्युटी और लीव इन्कैशमैंट का एरियर तुरंत दिए जाने और सेवाकाल के दौरान लंबित एरियर फिक्सेशन, इन्क्रीमैंट व नाइट भत्ता आदि का निपटारा किया जाए।

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