आचार संहिता लागू होने के बावजूद शहर में छोटे-मोटे अपराधी सरेआम अवैध हथियार लेकर घूम रहे हैं गत दिनो एक परिवार पर सरेआम गोलियां चलाने के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है परंतु पुरुवाला पुलिस स्टेशन में तैनात और मामले में जांच अधिकारी एस आई जीतराम मिलीभगत कर अपराधियों को बचाने में जुटा है तथा अभी तक यह नहीं सामने आ सका है कि यह हथियारों की सप्लाई कहां से हुई थी
हत्या,हत्या के प्रयास जैसे अपराध आखिर शहर में कैसे रुकें जब अवैध हथियार खूब बिक रहे हैं। इस नेटवर्क को तोड़ने में पुलिस पूरी तरह से फेल नजर आ रही है। हथियारों की सप्लाई इतनी है कि छोटे-मोटे बदमाश भी जरा सी घटना होने पर पिस्टल, तमंचे से गोलियां बरसा रहे हैं। लेकिन पुलिस के हाथ हथियार तस्करों के उन आकाओं की गर्दन तक पहुंचने में छोटे पड़ गए हैं, जो मौत के सामान का सौदा कर रहे हैं। हथियारों की खरीद फरोखत में खाकी पर सवाल उठते रहे हैं। जब से अनएक्सपीरियंस्ड डीएसपी ने यहां पर पदभार संभाला है तब से क्राइम बढ़ता जा रहा है
सारा अपराध अवैध हथियार से हत्या, हत्या का प्रयास या फिर किसी भी आपराधिक वारदात को देखा जाए तो हर घटना में अवैध हथियार का ही इस्तेमाल हो रहा है। अवैध हथियार रखना मानो फैशन बन गया हो। हत्या या कोई भी आपराधिक घटना देख लें सब में अवैध हथियारों से ही खून बहाया गया। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के साथ लगती सीमा पर उत्तर प्रदेश से और उत्तराखंड से अवैध हथियारों की सप्लाई की बात कही जा रही है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मेरठ आदि इलाकों में अवैध हथियारों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ कई बार उत्तर प्रदेश की पुलिस कर चुकी है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वहां से भी हथियारों की सप्लाई इलाके में पहले हुई है
गोलियां कहां से आ रहीं : अवैध हथियारों में गोलियां कहां से आ रही हैं, यह सवाल बड़ा है। सुत्रो के अनुसार गोलियां बनाने वाले गैंग अलग हैं। चर्चा है कि अवैध हथियारों में होने वाली अधिकांश गोलियां सरकारी या फिर लाइसेंस हथियारों को मिलने वाले गोली बेची जाती है। जिससे सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं।