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हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज ;आईजीएमसीद्ध शिमला में डॉक्टर द्वारा मरीज के साथ कथित मारपीट का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक ओर पीड़ित मरीज के परिजन आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन के दरवाजे खटखटा रहे हैं, वहीं आरोपी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन खुलकर डॉक्टर के समर्थन में सामने आ गई है।
अस्पताल में भर्ती हुआ आरोपी डॉक्टर
वहीं आईजीएमसी में डॉक्टर मरीज के बीच उठे विवाद के बाद अब आरोपी डॉक्टर राघव आईजीएमसी में भर्ती हो गए हैं । बताया जा रहा है कि आज मंगलवार को डॉक्टर राघव नुरुला अस्पताल में भर्ती हुए हैं। मरीज के साथ मारपीट के दौरान आई चोटों और इस मामले के चलते स्ट्रेस में आने के बाद डॉक्टर राघव आईजीएमसी के मेडिकल स्पेशल वार्ड में भर्ती हो गए हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है।
मामले में एसोसिएशन के अध्यक्ष सोहेल शर्मा ने कहा कि आरोपी डॉक्टर पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और मामले को एकतरफा तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि डॉक्टर ने मरीज के साथ कोई बदसलूकी नहीं की, बल्कि मरीज और उसके साथ मौजूद लोगों ने डॉक्टर से दुर्व्यवहार किया और हाथापाई की। एसोसिएशन का कहना है कि घटना के बाद से डॉक्टर मानसिक तनाव में है और उसकी छवि खराब की जा रही है। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
रेजिडेंट डॉक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित जांच की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा कि किसी भी घटना का आकलन केवल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर करना सही नहीं है। संगठन का दावा है कि वायरल क्लिप अधूरी है और पूरी घटना का सच उसमें दिखाई नहीं देता।
हर कहानी के दो पहलू
आरडीए अध्यक्ष डॉण् सोहेल शर्मा ने कहा कि वीडियो सिर्फ कुछ सेकंड का दृश्य प्रस्तुत करता है, जबकि उससे पहले क्या हुआ, यह सामने नहीं लाया गया। उन्होंने कहा कि बिना पूरी जानकारी के डॉक्टरों के खिलाफ माहौल बनाना अनुचित है। इस संबंध में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और सेमीकोटको लिखित शिकायत भी सौंपी गई है।
डॉ राघव नुरुला के अनुसार 22 दिसंबर को वह नियमित ड्यूटी पर थे और मरीज अर्जुन पंवार का इलाज चल रहा था। जब मरीज से मेडिकल फाइलए जांच रिपोर्ट और एक्स.रे दिखाने को कहा गयाए तो उसने सहयोग करने से इनकार कर दिया और कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल शुरू कर दिया। डॉक्टर का आरोप है कि इसी दौरान मरीज ने पहले उन पर शारीरिक हमला किया छाती पर मुक्का मारा और पेट पर लात मारी। डॉ. नुरुला का कहना है कि उन्होंने केवल आत्मरक्षा में प्रतिक्रिया दी।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया है और जांच की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी डॉक्टर द्वारा मरीज के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस जांच तेज, एसपी से मिले परिजन
उधर पीड़ित मरीज के परिजनों ने शिमला के एसपी संजीव गांधी से भी मुलाकात कर अपनी बात रखी। एसपी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एएसपी अभिषेक की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर निष्पक्ष जांच कर रही है और परिजनों को भरोसा दिलाया गया है कि न्याय प्रक्रिया में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।












