IGMC विवाद डॉक्टर राघव नरूला नौकरी से बर्खास्त अस्पताल में मरीज से मारपीट का आरोपी है पांवटा साहिब निवासी डॉक्टर

हिमाचल प्रदेश के शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में मरीज से डॉक्टर ने मारपीट की थी. इस संबंध में दो वीडियो सामने आए थे. डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने मरीज से बदतमीजी से बात की थी. वीडियो में भी यह बातें सामने आई थी. सरकार ने अब मामले में डॉक्टर राघव नरूला को नौकरी से निकाल दिया है.

हिमाचल प्रदेश के शिमला के इंदिरा गाधी मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल (आईजीएमसी) अस्पताल के सीनियर डॉक्टर राघव नरूला को सुक्खू सरकार ने मरीज से मारपीट के आरोपों के बाद नौकरी से निकाल दिया है. जांच कमेटी की रिपोर्ट में आरोपी डॉक्टर को दोषी माना गया है और उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान की तरफ से इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए गए हैं.

डॉक्टर नरूला को नौकरी से निकालने के आदेश में सुक्खू सरकार ने लिखा कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) की अनुशासनात्मक जांच समिति से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिली थी. जांच में पाया गया है कि मरीज अरुण (36) और पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. राघव निरुला  के बीच हाथापाई हुई.

अनुशासनात्मक समिति ने जांच के बाद डॉक्टर को छुट्टी पर भेजने की सिफारिश की थी. इसके अलावा, आरोपी डॉक्टर राघव के खिलाफ मरीज के परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई है.

सुक्खू सरकार ने अपने टर्मिनेशन ऑर्डर में लिखा कि जांच रिपोर्ट तथा हाथापाई की वीडियो क्लिप के आधार पर डॉ. राघव निरुला को पहले सस्पेंड कर दिया गया था. साथ ही सरकार बाद में 72 घंटों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिए जांच समिति बनाई गई थी.ऐसे में 24 दिसंबर को आईजीएमसी के प्रिंसिपल ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी औऱ उसी में पाया गया कि दोनों पक्ष, मरीज तथा सीनियर रेजिडेंट डॉ. राघव निरुला घटना के लिए जिम्मेदार हैं. ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टर नीति, 2025 का उल्लंघन किया है और धारा-9 के प्रावधानों के तहत डॉ. राघव निरुला की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी गई हैं.

गौरतलब है कि 22 दिसंबर 2025 को करीब साढ़े 12 बजे यह घटना पेश आई थी. इस दौरान पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में शिमला के कुपवी के जुब्बल के रहने वाले अर्जुन सिंह पंवार अपना इलाज करवाने के लिए पहुंचे थे. उनका एंडोस्कॉपी विभाग में टेस्ट हुआ था और फिर उन्हें आराम करने की सलाह दी गई थी, क्योंकि दो घंटे बाद एक और टेस्ट होना था. इस दौरान आरोपी डॉक्टर ने उनके साथ बदतमीजी से बात की थी. डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने मरीज से तू तड़ाक करते हुए बात की. इस पर मरीज ने आपत्ति जताई थी.

हालांकि, डॉक्टर ने यहां तक कहा कि तू मुझसे कितना बड़ा है. मैं 32 साल का हूं और तू मुझसे चार साल ही बड़ा है. इसकी एक वीडियो भी सामने आई थी, जिसमें मरीज, डॉक्टर और तीमारदार में बहसबाजी हो रही है. वहीं, इसी पर दोनों में मारपीट हुई. डॉक्टर ने बेड पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर लेटे मरीज पर जोरदार हमला किया था. उधऱ, मरीज ने भी जवाबी कार्रवाई में डॉक्टर पर लात चलाई थी. इस मामले में मरीज के परिजनों ने शिकायत पर शिमला पुलिस ने भी केस दर्ज किया है. हालांकि, मरीज के परिजनों ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ अटैम्प्ट टू मर्डर का केस दर्ज करने की मांग की थी.  इस घटना की वीडियो पूरे देश में वायरल हुई थी और इसी वजह से सरकार पर भी एक्शन लेने के लिए दबाव पड़ा.

इस मामले में मरीज के परिजनों ने स्वास्थ्य मंत्री, एसपी शिमला के अलावा, सीएम सुक्खू से भी मुलाकात की थी और डॉक्टर को नौकरी से निकालने और उनके खिलाफ अटैम्प्ट टू मर्डर की धाराएं लगाने की मांग की थी. सीएम ने भी मामले में 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी थी.  वहीं, डॉक्टरों की एसोशिएसन भी उनके समर्थन में उतरी थी और डॉक्टर राघव का बचाव किया था

इस मामले में बीते मंगलवार को डॉक्टर राघव ने भी वीडियो जारी किया था. आईजीएमसी में भर्ती आरोपी डॉक्टर ने कहा था कि मरीज ने भी उनके साथ बदसलूकी की थी और उन्होंने मरीज को इतना कहा था कि तू देखा देखा लगता है. इस दौरान आरोपी ने कहा कि उसे भी चोट लगी है और उसके हाथ में भी फ्रैक्चर है. गौरतलब है कि मूल रूप से सिरमौर जिले के पावंटा साहिब शहर के रहने वाले डॉक्टर इससे पहले, नाहन मेडिकल कॉलेज में भी तैनात रहे हैं.

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