पुरुवाला स्थित कार्यक्रम में पधारने पर धौलाकुआं में ट्रेड यूनियन, हिमाचल किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन सहित दर्जनों पंचायतों के प्रधानों, पंचायत समिति सदस्यों, जिला परिषद सदस्यों सहित युवक मंडलों, ट्रेड यूनियनों, महिला मंडलों की ओर से राजस्व, बागबानी एवं जनजाति विकास मंत्री जगत सिंह नेगी का जोरदार स्वागत किया गया।
इस दौरान उद्योग मंत्री को धौलाकुआं में आईआईएम द्वारा कृषि विभाग व उद्यान विभाग की भूमि पर जबरन कब्जा करने के बारे में भी जानकारी दी गई तथा ज्ञापन भी सौंपा गया। मंत्री से आग्रह किया गया कि जिलाधीश सिरमौर को आदेश जारी किए जाएं कि किसी भी हालत में तय भूमि को अतिरिक्त भूमि आईआईएम के लिए न दिया जाए। उन्होंने पहले ही 1100 बीघा आईआईएम व दर्जनों बीघा भूमि आई आरबी को दी है।
उन्होंने कहा कि उद्यान मंत्री के ध्यान में लाया गया कि इस भूमि पर कृषि विश्वविद्यालय नौणी व पालमपुर क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, उद्यान विश्वविद्यालय का काउंटर, हिमकू जूस फैक्ट्री, कृषि विकास केंद्र, रेशम प्रशिक्षण केंद्र, किन्नू का देश का सबसे पुराना बागीचा व स्ट्रॉबेरी सहित अन्य प्लांटटेशन स्थल, फूलों का बागीचा व प्रशिक्षण स्थल, किसान प्रशिक्षण केंद्र, बीज शोध केंद्र, मिट्टी टेस्टिंग लैब, अनाज मंडी खरीद केंद्र, पंचायत एवं पटवार केंद्र स्थित हैं जिनका अस्तित्त्व पूर्णतयः समाप्त हो जाएगा।
यदि यह उपरोक्त संस्थान बंद होते हैं तो न केवल स्थानीय किसानों को उन्नत्त खेती से हाथ पीछे खींचने होंगे, बल्कि कृषि व बागबानी से जुड़े उद्योगों में कार्यरत मजदूर भी बेरोजगार होंगे। मांग पत्र के माध्यम से मंत्री को बताया गया कि पूरे हिमाचल को लाभान्व्ति करने वाले दून संस्थानों के बंद होने को लेकर क्षेत्र व जिला के किसानों सहित आम जनता पूरी तरह से आकाशित होती जा रही है। यदि जल्दी स्थिति स्पष्ट करते हुए इस पर सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो सड़कों पर संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस दौरान राजस्व, बागबानी एवं जनजाति विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने उनकी बात सुनी तथा जल्द ही इस बारे में उचित जांच करने के आदेश दिए।
सरदार बलजीत सिंह नागरा किसान नेता एवं प्रधान
सिरमौर ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन पांवटा साहिब ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि आईआईएम धौलाकुआं द्वारा यह सब नहीं रोका गया तो क्षेत्र के लोग संघर्ष भी करेंगे तथा आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे वही स्थानीय लोगों में आईआईएम धौला कुआं की इस गुंडागर्दी को लेकर रोष है तथा पहले भी वन विभाग ने वन भूमि पर अवैध खनन कर अवैध कब्जा करने के चलते उक्त संस्थान में कार्य कर रही एक जेसीबी जप्त कर उसको जुर्माना किया गया था