समाज को ईमानदार एवं सक्षम अधिकारियों की आवश्यकताः मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां आयोजित लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों की स्थायी समिति की बैठकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोक सेवा आयोग के कामकाज से सम्बन्धित विचारों, अनुभवों और प्रथाओं को सांझा करने के लिए स्थायी समिति एक प्रभावी मंच के रूप में उभरी है।
उन्होंने कहा कि बैठक न केवल लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ-साथ राज्य लोक सेवा आयोग के कामकाज में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके अतिरिक्त, आयोगों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में भी मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकें आयोगों को एक दूसरे के अनुभवों को बांटने का अवसर प्रदान करती है, ताकि वे इन्हें अपने आयोगों में भी अपना सके और सार्वजनिक लोक सेवाओं की परीक्षाओं में भाग लेने वाले उम्मीदवार भी इससे लाभान्वित हो सके।
लोक सेवा आयोग जैसी संस्थाओं के महत्व को रेखाकिंत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान के निर्माताओं ने लोक सेवा आयोगों को किसी भी प्रकार के बाहरी दबाव से संवैधानिक प्रतिरक्षा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि समाज को बड़े पैमाने पर लोक सेवाओं में ईमानदार और कुशल अधिकारियों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, लोक सेवा आयोग द्वारा चुने हुए अधिकारियों को स्वयं को जनता की सेवा में समर्पित करना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग अपनी प्रतिष्ठा और निष्पक्ष चयन के लिए जाने-माने सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है। उन्होंने कहा कि आयोग ने कई सूचना प्रौद्योगिकी सुधार किए हैं, जो उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग ने अन्य सुधारों जैसे एचएएस पैट्रन से आईएस पैट्रन में बदलाव करना, जिससे आईएएस के उम्मीदवारों को अत्यधिक लाभ पहुंचेगा तथा इन परीक्षाओं की तैयारी में निरन्तरता आएगी।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि सभी लोक सेवा आयोग समाज की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ईमानदारी से उच्चतम मानकों को बनाए रख कर अपने संवैधानिक दायित्व का प्रभावी और कुशलतापूर्वक निर्वहन करना जारी रखेगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आयोग को प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए हर सम्भव सहायता करेगी।
उन्होंने कहा कि एक छोटा राज्य होने के बावजूद हिमाचल में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास हुआ है तथा प्रदेश देश के अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि आयोग को निष्पक्ष और बाहरी दवाब से मुक्त हो कर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की सेवाओं के लिए सरकार को सर्वश्रेष्ठ अधिकारी प्रदान करना आयोग का कर्तव्य है।
स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रो. जी.चक्रपाणी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य न केवल प्राकृतिक सुन्दरता से परिपूर्ण है, बल्कि राज्य के लोग मेहनती, ईमानदार एवं ईश्वर में आस्था रखने वाले है।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डी.वी.एस. राणा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि राज्य ‘देवभूमि’ के साथ-साथ सशस्त्र बलों में सेवा करने वाले सैनिकों द्वारा दिए गए बलिदानों और बहादुरी के कारण ‘वीरभूमि’ के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग के विभिन्न कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी, हरियाणा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एम.एस. भण्डाणा, गोवा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, जोस मनुअल नोरोन्हा, गुजरात लोक आयोग के अध्यक्ष डी.डी. दास, छतीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के.आर. पीसदा, केरल लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एम.के.केकर, उड़िसा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ब्रीगेडियर एल.सी. पटनायक, मेघालय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एल.एम.संगमा, जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग के वरिष्ठ सदस्य जय पाल सिंह, विशेष रूप से आमंत्रित डॉ. बी.एस. कृष्णा, राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ. मान सिंह, मोहन चौहान, मीरा वालिया, डॉ. रचना गुप्ता इस अवसर पर उपस्थित थे।

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