जलरक्षकों को नहीं मिला पांच माह से वेतन

(नीना गौतम ) आनी खंड जलरक्षक संघ की बैठक विश्रामगृह आनी में संघ के अध्यक्ष चंदन की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जलरक्षकों की समस्याओं और मांगों पर चर्चा की गई। जलरक्षकों का कहना है कि वर्तमान में उनकी नियुक्ति पंचायत और जलशक्ति विभाग के बीच पेंडुलम की
तरह ना ईधर की है ना उधर की है। फलस्वरूप जलरक्षकों ने प्रदेश सरकार सेमांग की है कि उन्हें पूरी तरह से जलशक्ति विभाग के अधीन लाया जाये।

जलरक्षकों ने बैठक में चर्चा की कि उन्हें अक्तूबर 2019 से लेकर अब तक पांच माह का वेतन नहीं मिला है, जबकि ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है, जिसको लेकर जलरक्षकों में खासा रोष है। जलरक्षकों का कहना है कि वर्तमान
भाजपा सरकार की अनुकंपा से उन्हें प्रतिमाह तीनहजार रूपये प्रतिमाह मिलनेशुरू हुए हैं, जो समय पर नहीं मिलते। ऐसे में जल रक्षकों ने मांग की है कि उन्हें नियमित रूप से महीने के पहले सप्ताह में ही वेतन देना सुनिश्चित किया जाये।

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साथ ही जल रक्षकों ने सरकार से उन्हें जल्द नियमित करने को लेकर स्थायी निति बनाये जाए। पिछले करीब आठ सालों से आनी में सेवायें दे रहे जलरक्षकों का कहना है कि आनी सहित प्रदेश के लगभग हर हिस्से में जलरक्षकों से जलशक्ति विभाग गाईड लाईसं से कहीं ज्यादा काम लेता है। लेकिन जलरक्षक जब विभागिय अधिकारियों से और पंचायत से उन्हें लिखित में आदेश जारी करने को कहते हैं तो उन्हें वेतन रोक दिये जाने सहित कई प्रकार से लगभग प्रताडित कर दिया जाता है। जलरक्षकों का कहना है कि जल
शक्ति विभाग नियमित हो चुके भारी भरकम तनख्वाह लेने वालों से काम नहीं ले पाता जबकि तीन हजार रूपये प्रतिमाह पर नियुक्ति किये गये जलरक्षकों से गाईड लाईंस के बाहर जाकर मौखिक आदेश देकर जरूरत से ज्यादा काम करवाया जाता है।

जबकि कई बार पूयजल लाईंस को दुरूस्त करते हुए जलरक्षक चोटिल हुए हैं और कई बार उपभोक्ताओं के साथ कहासुनी हाती है तो विभाग और पंचायतें पल्ला झाड़ लेती है। जबकि छुटियों का प्रावधान ना होने से भी उनसे सालभर काम लिया जाता है। जलरक्षकों ने सरकार से उन्हें निर्धारित छुटियों का प्रावधान करने भी गुहार लगाई है।

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