पांवटा साहिब : प्रशासन और सरकार की कमियों के कारण ही जनमंच में आ रही दिक्क़ते , जनसमस्याओं को कम सुना जा रहा पार्टी का गुणगान हो रहा अधिक

 

( जसवीर सिंह हंस ) राइट फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने कहा है कि प्रशासन व सरकार की नाकामियो के कारण ही जनमंच में इतनी शिकायतें आ रही हैं अगर सरकार और प्रशासन सही तरह से काम करे तो जनमंच लगाने की जरूरत ही ना पड़े।और जो यह जनमंच लग रहे है यह किसी मेले से कम नहीं लग रहे है लोगो को ये ही मालूम नही हो पाता कि वह अपनी शिकायत कहा जमा करे ।जनमंच कार्यक्रम में आधे से ज्यादा  लोगों में प्रधान, ठेकेदार, सामाजिक कार्यकर्ता, जिला प्रशासन, कर्मचारी और अधिकारी ही आते है। यह सब तो पार्टियों के अपने होते है। जनमंच कार्यक्रम में आशा वर्करों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बुलाने का मतलब भी समझ मे नही आता।जनमंच कार्यक्रम में जनसमस्याओं को सुनने आये नेता 11,12 बजे कार्यक्रम शुरू करते है तथा उसके बाद लंच समय मे ही वापिस चले जाते है।सरकार ने यह कार्यक्रम तो शुरू किया है इस मे जनसमस्याओं को कम सुना जा रहा है तथा पार्टी का गुणगान अधिक किया जा रहा है । इतने समय मे आधे से ज्यादा समय पार्टी के गुणगान तथा पुरस्कृत करने में ही लग जाता है । जितना समय यह लोग इस कार्य मे लगाते है इतने में कई लोगो की समस्याओं को सुना जा सकता हैं तथा उसका निवारण किया जा सकता है ।

You may also likePosts

वही कांग्रेस नेता अनिन्दर सिंह नॉटी ने भी सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम के लिए सरकार को परामर्श दिए है कि आज रविवार का दिन प्रशासनिक कार्य समझने को समर्पित रहा । प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित जन मंच जो प्रशासन आपके द्वार की ही एक कड़ी है और जिसका आयोजन जिला प्रशासन द्वारा भंगानि साहिब गुरुद्वारा परिसर में किया गया था मैं अपने साथियों सहित भाग लिया इस मंच का लाभ में पोंटा साहब क्षेत्र में विकास से जुड़े उन् एक मुद्दों को लेकर उठाना चाहता था लेकिन कार्यक्रम में काफी तौर पर अव्यवस्था का आलम रहा । मात्र एड्रेस सिस्टम यानी माइक ऑर स्पीकर्स की सही व्यवस्था न होने के कारण अधिकतर लोग न अपना पक्ष अच्छे से प्रस्तुत कर पाए और न ही जन मंच के चेयरमैन मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह और अन्य अधिकारियों की बात को ढंग से सुन पाए । लगभग सोलह  सौ आवेदन जनमंच के माध्यम से रजिस्टर किए गए और सुनवाई केवल मात्र डेढ़ सौ के करीब हो सके ।

आने वाले समय में इस व्यवस्था को बहुत छोटे छोटे सुझावों के द्वारा सुधारा जा सकता है मैं जल्द ही प्रशासन से इसकी पूर्ण जानकारी लेने का प्रयत्न करूंगा कि कुल मिलाकर कितने आवेदन आए उनके लिए कितने बजट की आवश्यकता थी और कितने बजट की व्यवस्था इन आवेदनों के समाधान के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा । मैंने मंच पर बैठने की बजाय लोगों के बीच में मिल जुल कर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया और प्रशासन किस तरह से अधिक बेहतर तरीके से जनता की सेवा कर सकता है इसको भी समझने का प्रयास किया ।सीखने समझने और पढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी रखनी चाहिए ऐसा मेरा विश्वास है और मैं इसकी ही अनुपालन करने का प्रयास करता हूँ । अब देखना यह है कि आने वाले समय मे जनमंच कार्यक्रम आम जनता के लिए किताब लाभदायक सिद्ध होता हैं या 2019 जे लिए भाजपा का प्रचार का अहम हिस्सा होगा ।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!