खबरोंवाला ने कई दिन पहले ही जिला प्रशासन की ओर से ई.ओ. की नियुक्ति के किए गए आदेश को वापस ले लिया गया है को प्रकाशित किया था | इस मामले में कुछ हाई प्रोफाइल लोगो के नाम सामने आ रहे है जो शिमला के चक्कर भी मार आये है | कार्यकारी अधिकारी के मामले में पुख्ता सूत्रों का दावा है कि पांवटा की एक महिला इस मामले में भूमिका निभा रही है और महिला का दावा है कि सरकार में उसकी खूब चलती है इसीलिये जिलाधीश को भ्रमित कर उपर का रूतवा दिखाते हुए उसने आर्डर करवा लिये और जब शिमला स्थिति अधिकारियेा को पता चला और जब जमकर किरकिरी हुई तो आदेश कैसिल करने पडे ऐसे में महिला व उसके अन्य साथी गण जिन्होने किसान भवन में बैठकर प्रमोशन की खुशी में पार्टी की थी अब सारे के सारे बैकफुट पर आ गये है और समाज में यह भी सन्देश दे दिया गया है कि शीघ्र ही उसी जगह तैनाती दावे के साथ करवाकर लायेगे क्योंकि शिमला सचिवालय में जोरदार सिक्का चलता है व सरकार में मजबूत पकड़ है |
सूत्रों के अनुसार सरकार के इशारे पर क्षेत्र में ऐसी तैनाती की गई जिसमें सीधे ऊपर से ही चहेते को लाभ पहुंचाने के लिए आदेश करवा दिए गए। इसकी भनक शहरी विकास विभाग को भी नहीं लगने दी गई। हालांकि अब विभाग के ध्यान में मामला आया तो सचिवालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव (शहरी विकास) को फाइल भेजी गई जिसमें लिखा कि यह नियुक्ति नियमों के खिलाफ है। पदोन्नति के माध्यम से ईओ तैनात हो सकते हैं मगर वरिष्ठ सहायक ईओ से पहले सचिव बनता है या फिर उक्त अधिकारी को स्थानीय निकायों में कार्य का पांच व इससे अधिक वर्ष का अनुभव होना चाहिए। लोकल सेल्फ गवर्नमेंट डिप्लोमा (एलएसजीडी) धारक को ईओ का जिम्मा मिल सकता है। पांवटा साहिब में राजस्व विभाग के वरिष्ठ सहायक को यह जिम्मा सौंपा गया है। सिरमौर जिला के एसडीएम कार्यालय में यह अधिकारी सेवाएं दे रहे थे। 20 मई को सिरमौर के उपायुक्त की ओर से उन्हें ईओ तैनात करने के आदेश हुए। वहीं, 23 मई को पांवटा साहिब के एसडीएम ने उन्हें रिलीव करने के आदेश जारी किए।
ख़बरों के अनुसार शहरी विकास विभाग को खबर भी नहीं हुई और नगर परिषद पांवटा साहिब में नियमों को ताक पर रखकर राजस्व विभाग के वरिष्ठ सहायक बतौर कार्यकारी अधिकारी (ईओ) ज्वाइन भी कर गए। नगर परिषद में ईओ के पद पर तहसीलदार व इससे ऊपर के अधिकारी ही तैनात हो सकते हैं। इसके विपरीत सिरमौर जिला प्रशासन ने मात्र एलएलबी डिग्री के आधार पर एक वरिष्ठ सहायक को ईओ का जिम्मा सौंपा दिया और वह भी कोई स्थानीय निकाय से नहीं बल्कि राजस्व विभाग से हैं।