कांगड़ा : सेना फिर छेड़ेगी अभियान, राहत शिविर छोड़ रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट हुए कुछ प्रभावित

Khabron wala 

बच्छवाई में गत दिनों हुए भूस्खलन से प्रभावित परिवारों के घरों में से सेना द्वारा निकाले जा रहे सामान की कार्रवाई को शुक्रवार को एक दिन के लिए रोक दिया गया है और सेना के जवान वापस चले गए हैं परंतु सेना शनिवार को पुन: बच्छवाई आकर शेष बचे घरों से भी सामान निकालने का कार्य आरंभ कर देगी। अभी तक 7 घरों से सामान निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है जबकि शेष परिवारों में से 3 परिवार दिल्ली में नौकरी करते हैं जो अभी तक वापस नहीं पहुंच सके हैं तथा शेष 4 घरों का सामान सेना के जवानों द्वारा शनिवार को निकालने का कार्य किया जाएगा। अभी तक सात क्षतिग्रस्त घरों में से निकाले गए सामान के 2 मालिकों ने थुरल में मकान किराए पर ले लिए हैं जिनके सामान को वहां पहुंचा दिया गया है जबकि 3 परिवार साथ लगती पंचायत धम्मन्न लाहड में शिफ्ट हो गए हैं जिन्हें वहां के निवासी सूबेदार मोहिंदर सिंह ने अपना मकान आगामी व्यवस्था न होने तक नि:शुल्क रहने के लिए दे दिया है।

दिल्ली में रह रहे शांति प्रकाश, ज्योति प्रकाश और वेद प्रकाश के घर बंद हैं जिन्हें उनके आने पर ही खोला जाएगा। बच्छवाई के पंचायत प्रधान देश राज ने बताया कि क्षतिग्रस्त गांव के 2 प्रभावित परिवारों ने थुरल में मकान किराए पर ले लिए हैं और 3 परिवारों को साथ लगती पंचायत धम्म्मन्न लाहड निवासी सूबे मोहिंदर सिंह ने अपना एक मकान रहने के लिए दिया है। राहत शिविर में रह रहे प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान की जा रही है। एसडीएम धीरा सलीम आजम ने कहा कि कुछ परिवार राहत शिविर छोड़ कर किराए या अपने रिश्तेदारों के पास शिफ्ट हो गए हैं।

आरएसएस जुटी राहत कार्य में

बच्छवाई में प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी अब राहत कार्य में जुट गए हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने बच्छवाई पहुंच कर प्रभावित परिवारों के लिए किए जा रहे राहत कार्यों में अपनी भागीदारी दर्ज करवाई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला पालमपुर के 32 स्वयंसेवकों द्वारा बच्छवाई में प्रभावित घरों से सामान को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। भारी भूस्खलन से 14 घर पूरी तरह सेे खतरे की जद में हैं। अनेक घर गिर चुके हैं और जो बचे हैं वो भी रहने योग्य नहीं हैं उन घरों से सामान को बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। साथ ही सेवा भारती पालमपुर द्वारा भेजी गई प्राथमिक सहायता भी दी गई। पीड़ित परिवारों को जरूरी सामान भी वितरित एवं 3 समय के भोजन की व्यवस्था की जा रही है।

2 दिन पहले डाला लैंटर टूटा

इस आपदा में सबसे अधिक त्रासदी 95 वर्षीय तवारासु राम के साथ हुई है क्योंकि उनके घर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पंचायत द्वारा मकान बनाया जा रहा था और इस मकान का लैंटर घटना से 2 दिन पूर्व ही डाला गया था। उम्र के इस पड़ाव में तवारासु राम और उनकी 85 वर्षीय पत्नी गीता देवी को अपने घर का सपना साकार होने वाला था परंतु निर्माण से पूर्व ही उनके सपने धराशायी हो गए। उनके घर के समीप पंचायत द्वारा लगाया गया डंगा भी इस भूस्खलन में जमींदोज हो गया।

बिजली, पानी बहाल, 3 सोलर लाइट भी लगाईं

इसी बीच विद्युत विभाग द्वारा बच्छवाई के गांव गर्रेहड़ में विद्युत आपूर्ति और जल शक्ति विभाग द्वारा पेयजल आपूर्ति बहाल करवा दी गई है और पंचायत के माध्यम से 3 सोलर लाइट और अस्थायी शौचालय और स्नानागार का प्रबंध भी राहत शिविर के समीप करवा दिया गया है।

 

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