पांवटा साहिब : बहनों से बंधुआ मजदूरी व मारपीट मामला , khabronwala.com की खबर के बाद ही हुआ मुकदमा दर्ज |

21 फरवरी को खबर khabronwala.co.in ने हो सबसे पहले पांवटा साहिब में 13 साल की जुड़वां बहनों की बंधुआ मजदूरी  व उनसे मारपीट की खबर प्रकाशित की थी जिसका शीर्षक था “ पांवटा साहिब में 13 साल की जुड़वां बहनों की बंधुआ मजदूरी का सनसनीखेज मामला ” प्रकाशित होने के बाद ही हिमाचल के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियो तक यह खबर पहुच गयी थी | उसके बाद ही 22 फरवरी को आरोपी महिला के खिलाफ IPC की धारा 323 व Juvinil Justice Act के तहत थाना पोंटा साहिब मे पंजीकृत हुआ है जिसके अनुसार यह उषा भल्ला के घर मे काम के साथ-साथ पढ़ाई  भी करती है दिनांक 16.02.2017 को उषा भल्ला ने इसके साथ मारपीट की है जिससे इसके शरीर पर चोटें लगी है  I

 आज मिली ताजा जानकारी के अनुसार लड़की के पिता ने सिरमौर की पुलिस अधीक्षक सौम्या सांबशिवान की एक पत्र  लिखा है व आरोपी महिला के खिलाफ कड़ी कारेवाही की मांग की है | वही गुप्त सूत्रों के अनुसार आईजीएमसी के डॉक्टरो की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस IPC की धारा 323 को बदल कर को कड़ी व गैर जमानती धारा जोड़ सकती है व आरोपी को कल ही गिरफ्तार कर सकती है |

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कल सुबह तक पीड़ित के बयान भी पुलिस ले सकती है |  मारपीट की शिकार आईजीएमसी में भर्ती लड़की  ने बताया कि पढ़ा लिखा कर उनकी जिंदगी बदल देने वाली उनकी मालकिन न केवल उनसे दिन भर काम करवाती थी, बल्कि थक जाने पर उन्हें बेरहमी से पीटती भी थी। 16 फरवरी की रात को जब लड़की  अपनी मालकिन उषा भल्ला के पांव रहा दबा रही थी, तो उसको नींद की झपकी आ गई। इसके बाद उसकी मालकिन ने बेरहमी से लाते उसके पेट पर मारनी शुरू कर दी। इतना मारा कि वह बेहोश हो गई। बच्ची आईजीएमसी में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है।

यह थी 21 फरवरी को प्रकाशित पूरी खबर

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिस में साढे 13  साल की दो नाबालिग जुड़वा बहनों को पौंटा साहिब में घर में बंधुआ मजदूर बनाकर  मजदूरी कराई गई और बुरी तरह पिटाई की जाती थी ।इनमें से एक लड़की की स्थिति गंभीर है और वह इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला मे  भर्ती है ।और दूसरी लड़की भी काफी डरी हुई है ।उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने  यह मामला उजागर करते हुए  हिमाचल प्रदेश पुलिस से मांग की है  की छोटी बच्चियों से बंधुआ मजदूरी कराने  और उनका शारीरिक आर्थिक  शोषण  करने वालों को तुरंत गिरफ्तार  किया जाए ।

उन्होंने कहा  की  बद्री राम  निवासी  गांव मसरा  जिला  शिमला  की तहसील कुपवी  के हैं  11 महीने पहले  रोहनाट जिला सिरमौर  का एक व्यक्ति  उनके पास आया  और कहा कि वह अपनी धर्म बहन के पास  दोनों जुड़वा बच्चियों को  पढ़ाई के लिए भेजना चाहता है  ।अत्यंत निर्धन परिवार के पिता ने  बच्चियों को उसके साथ पावटा साहिब भेज दिया  जहां  उन्हें  पढ़ाई करने की बजाय घर में बधुआ मजदूरी में लगा दिया गया।  उनमें से एक बच्ची ने फाउंडेशन के अध्यक्ष  को बताया  कि सुबह से दोनों बहनों को 5:00 बजे उठा दिया जाता था और 11:00 बजे रात तक  काम कराया जाता था  उन्हें कभी भी कोई मजदूरी नहीं दी गई  पिछले 11 महीने के दौरान  उनके पिता से फोन पर बात नहीं कराई गई  रोज मारपीट की जाती थी  और  भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था  उनके पिता बद्री राम ने कहा  कि वह गरीब लोग हैं  और पुलिस के पास जाने का उन को समय नहीं मिला उन्होंने बताया कि 16 तारीख को उनके पास  उस महिला का फोन आया जहां दो नाजुक दोनों जुड़वा बहने  काम करती थी  उस महिला ने कहा कि आप तुरंत आ जाएं  एक बेटी काफी बीमार है और उसको देहरादून में भर्ती कराया गया है।

वह उधार लेकर टैक्सी से पांवटा गया और उसके बाद बस से देहरादून पहुंचा  वहां वह एक बच्ची की हालत देख कर हैरान रह गया  उसके साथ 16 फरवरी को  उसकी मालकिन ने पावटा में बुरी तरह मारपीट की थी  फिर  दूसरों से मदद लेकर वह उस को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला लाया जहां शिशु रोग विभाग में उसको भर्ती कर लिया गया और इलाज चल रहा है  वह लड़की  ठीक से बातचीत भी नहीं कर पा रही है और काफी डरी हुई है और दोनों बच्चियों खुद को साडे 13 साल उम्र का बताती हैं । गंभीर हालत वाली बच्ची भविष्य में पढ़ना चाहती है और पुलिस में भर्ती होकर देश की सेवा करने का सपना पाला हुआ है दूसरी बच्ची ऊंची पढ़ाई करके शिक्षक बनना चाहती है । उमंग फाउंडेशन ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है ताकि सिरमौर की और साथ लगती शिमला जिला के चौपाल क्षेत्र की बेटियों के भविष्य के साथ कोई इस तरह का खिलवाड़ ना कर सके।

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