हिमाचल के युवक ने की दुनिया के पहले कारवोनेटड व्हीटग्रास जूस (ढरकी) की खोज” 

( विजय ठाकुर ) जिला कांगडा के उपमंडल फतेहपुर के तहत कस्बा धमेटा निवासी डा० विवेक शर्मा ने देश में पहली बार कारवोनेटड व्हीटग्रास जूस की खोज कर प्रदेश व देश का नाम रोशन किया है।इस जूस में हर प्रकार के जरूरी पोषक तत्व उपलब्ध हैं।जो कि मानव शरीर की हर बीमारी को ठीक व नियंत्रण करने में भी सक्षम है।जबकि कैंसर जैसी घातक बीमारियों के लिए व्हीटग्रास एक राम-बाण औषधि सिद्ध होगी।करीब पांच बर्ष की गहन रिसर्च करने के बाद डा० विवेक शर्मा दुनिया के पहले व्हीटग्रास जूस की खोज करने में कामयाब रहे।

You may also likePosts

विवेक शर्मा ने बताया कि उन्होंने 2013 में व्हीटग्रास पर खोज शुरू की।जो कि 2018 में उन्होंने पूरी की।इस दौरान उन्होंने बहुत सारे हर्बल प्रोडक्ट इजाद किए।इसी में एक खोज कारवोनेटड ढरकी शामिल है।जबकि इसके अलावा उन्होंने एक व्हीटग्रास वेसड कैप्सूल भी बनाया है।जो कि जल्द बाजार में मिलना शुरू हो जाऐगा।इस रिसर्च पर विवेक शर्मा ने कहा कि आज के आधुनिक युग में हर वर्ग कोल्ड ड्रिंक्स की तरफ झुकता जा रहा है।जो कि मानव शरीर पर प्रभाव छोडने के साथ -साथ काफी हानिकारक पेय पदार्थ है।उनकी व्हीटग्रास जूस हर वर्ग के स्वास्थ्य लिए एक प्रभावशाली खोज है।इसका स्वाद भी कोल्ड ड्रिंक्स जैसा होगा।और सेहत पर भी यह सकरात्मक प्रभाव देगा।इसके सेवन से लोग कई तरह की बीमारियों से भी बचें रहेगें।

विवेक शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी खोज में बिना मिट्टी के व्हीटग्रास को उगाकर उससे जूस तैयार कर सीधा पाऊडर बनाकर उससे बहुत सारे हर्बल प्रोडक्ट बनाए है।जिसमें उनकी कारवोनेटड ढरकी बेहतर खोज रही।उन्होंने कहा कि यह दुनिया की पहली (व्हीटग्रास जूस) खोज है।जिसके लिए उन्हें अपनी यूनिवर्सिटी के बाईस चांसलर डा०एच एस धालीवाल व पीएचडी स्टूडेंट नंदिता ठाकुर ने काफी सहायता की।उनकी इस खोज को दिल्ली की जीवो वैलनेस प्राईवेट लिमिटेड कंपनी ने बाजार में उतारा है।जिसकी बिक्री इसी सप्ताह दिल्ली से शुरू हो गई है।जबकि शीघ्र ही पूरे देश में यह प्रोडेक्ट उपलब्ध हो जाऐगा।

विवेक शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने स्वर्गीय माता-पिता कुसुम लता शर्मा व सुरेश चंद शर्मा सहित पत्नी प्रतिभा शर्मा व दोनों बहनें भावना व भारती शर्मा सहित अपने गुरूजनों को दिया है।विवेक ने प्रारंभिक शिक्षा आदर्श स्कूल चाट्टा में की।जबकि बाहरवीं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धमेटा में करने के पश्चात बीएससी डीएबी कांगडा में उतीर्ण की।वहीं पीएचडी की पढाई पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला और एसआईआर हिमालय जैवसंपदा प्राधोयिगकी संस्थान पालमपुर से की।व मौजूदा समय में वह इटरनल यूनिवर्सिटी बडसाहिब जिला सिरमौर में एसोसिएट प्रोफेसर बाटनी में काम कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि वह आगे भी हर्बल प्रोजेक्ट की खोज करते रहेगें।
फोटो:विवेक शर्मा व प्रोडक्ट फोटो

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!