किसान की बेटी 18वीं एशियन गेम्स जकार्ता इंडोनेशिया चैंपियनशिप के लिए चयनित ,बनाई गरीब परिवार व देश की विश्वभर में पहचान

( धनेश गौतम )   जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार के तहत पडऩे वाली ग्राम पंचायत चकुरठा के जैणी गांव किसान की बेटी खिला देवी 18वीं एशियन गेम्स जकार्ता इंडोनेशिया चैंपियनशिप के लिए चयनित हुई है। जैणी गांव की एक अनमोल बेटी खिला देवी का चयन पहले अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय चैंपियनशिप के लिए हुआ है और अब 18वीं एशियन गेम्स इंडोनेशिया के लिए हुआ है। खिला देवी 18 अगस्त से लेकर 2 सितंबर तक 18वीं एशियन गेम्स जकार्ता इंडोनेशिया में होने वाली हैंडबॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लेगी।

इससे पहले खिला देवी 17 बार राष्ट्र स्तरीय हैंडबॉल प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हैं और इसमें एक गोल्ड, एक सिल्वर व तीन ब्राउंजस देश के लिए जीतकर लाई है। जबकि स्टेट लेवल हैंडबॉल प्रतियोगिता में खिला देवी पांच बार गोल्ड मेडल, 4 सिल्वर और 4 ही ब्राउंजस मेडल जीते हैं। हैंडबॉल प्रतियोगिता में खिला देवी के हौसलें इतने बुलंद हैं कि उनके हौसलों के आगे बड़े-बड़े खिलाड़ी पस्त हो जाते हैं। खिला देवी का जन्म एक गरीब परिवार किसान के घर में जैणी गांव में हुआ। एक ऐसे गांव में खिला देवी जन्मी जहां पर आज भी न तो सड़क सुविधा है और न ही पीने का पानी। खिला देवी के गांव के लोगों को पीने के लिए पानी तीन किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है।

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वहीं, खिला देवी ने हर दिन पांच किलोमीटर पैदल चलकर पहली से लेकर 12वीं तक की शिक्षा थाटीबीड़ स्कूल में हासिल की। थाटीबीड़ स्कूल से ही खिला देवी ने हैंडबॉल प्रतियोगिता में महारथ हासिल की और अपने हौसलों को डगमगाने नहीं दिया तथा जिला से लेकर स्टेट और स्टेट से लेकर राष्ट्र स्तर तक खिला का चयन इस प्रतियोगिता के लिए होता रहा। अब खिला देवी का चयन इस प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए हुआ है और खिला देवी का खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। खिला देवी के गांव व परिवार में भी खुशी का माहौल पनपा हुआ है। खिला देवी के पिता खेमराज ने बताया कि उनकी बेटी ने जो काम कर दिखाया है उससे आज पूरे गांव का नाम विश्वभर में रोशन हुआ है।

खेमराज ने बताया कि जब उसने अपनी बेटी में यह प्रतिभा देखी तो वह भी पीछे नहीं हटे और आज तक कर्जा लेकर बेटी की पढ़ाई व खेल का शौक को पूरा करने में जुटे हुए हैं ताकि उसके घर में जन्मी अनमोल बेटी देश का नाम विश्वभर में रोशन कर सके। उन्होंने बताया कि उसने कभी भी ऐसा नहीं सोचा था कि उनके गरीब परिवार में जन्मी बेटी अपनी प्रतिभा के बलबुते पूरे गांव व क्षेत्र का नाम देश व विश्व में रोशन करेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी खिला देवी पर गर्व है और वे उनकी मेहनत व लग्र को सलाम करते हैं। खिला देवी ने अपनी सारी उपलब्धियों का श्रेय अपने माता-पिता, जिला स्तर के कोच मोहित मेहता, हिमाचल राज्य स्तर कोच स्नेह लता, पंजाब कोच नरेंद्र सिंह व रविंद्र सिंह तथा एसएसबी कोच अवतार सिंह को दिया है। बहरहाल, गांव की माटी में पनपी एक बेटी ने अपने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाया है।

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