शिलाई भाजपा ने मण्डल अध्यक्ष सूरत सिंह की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया तथा चुनाव में भितरघात करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई है।
शिलाई विधानसभा के पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर ने अपनी सीट हारने के बाद, सरकार में रहते हुए शिलाई विधानसभा के अंदर अथाह विकासात्मक कार्य के करवाए है।
भाजपा सरकार के कार्यकाल में बलदेव तोमर की अर्जी पर विधानसभा के केंद्र बिंदु शिलाई में जुडिशियल कोर्ट, एसडीएम कार्यालय, जलशक्ति विभाग मंडल, विद्युत बोर्ड मंडल, सिविल अस्पताल का दर्जा, कफोटा एडीएम कार्यालय, तीलोरधार में विकास खंड कार्यालय, सतौन में डिग्री कालेज, नायब तहसीलदार, रोनहाट के अंदर जल शक्ति विभाग उपमंडल, स्वास्थ्य सेवाएं सहित अन्य दर्जनों कार्य ऐसे किए है। जिसके माध्यम से क्षेत्र का विकास हुआ है।
सैकड़ों किलोमीटर का सफर खत्म करने के बाद लोगों को घर द्वार सेवाएं मिल रही है। इतना ही नही बल्कि पांच दशकों से लंबित गिरीखंड क्षेत्र की जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलना भी बलदेव तोमर के प्रयासों से सफल हो पाया है। बावजूद उसके बलदेब सिंह तोमर को शिलाई की जनता ने 382 वोटों से हरा दिया है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष सूरत सिंह ने बताया कि विधानसभा शिलाई के बूथ लेवल के पदाधिकारियों से लेकर मंडल स्तर के सभी पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक की गई है। जिसमे चुनाव में रही कमियों पर विस्तार से चर्चा हुई। पार्टी में निष्क्रिय पदाधिकारियों पर विचार विमर्श किए गए। इस दौरान मण्डल ने फैसला लिया है कि कुलदीप राणा के गांव व पंचायत से भाजपा की बढ़त घटकर कांग्रेस के पक्ष में गई है। इससे पहले हमेशा यहां भाजपा का एवरेज बोट रहा है। जिसमे भाजपा की बढ़त आती रही है। यहां कुलदीप राणा ने खुदगर्जी दिखाई है। और भाजपा को सीधा नुकसान पहुंचाया गया है इसलिए शिलाई भाजपा मंडल ने कुलदीप राणा को 6 वर्ष के लिए निष्काषित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि कुलदीप राणा को बीजेपी ने जिला व प्रदेश कमेटी में बड़ा मानसम्मान दिया है। बावजूद उसके चुनाव के दौरान पार्टी के साथ भितरघात करके कुलदीप राणा ने विपक्ष को बड़ी लीड दिलाई है, जिससे नाराज मंडल के सभी कार्यकर्ताओं ने कुलदीप राणा को मंडल से बाहर करने का फैसला लिया है, मंडल ने कुलदीप राणा का निष्काशन पत्र प्रदेश कमेटी को भेज दिया है।