देवभूमि कुल्लू में विश्व की सबसे बड़ी देव संसद जगती का होगा आयोजन , जिला के 300 से अधिक देवी देवता के चिन्ह भी होंगे शामिल

जिला कुल्लू के मुख्यालय रघुनाथपुर में 24 नवंबर को देव संसद यानी जगती का आयोजन किया जाएगा। इस जगती में भाग लेने के लिए जिला कुल्लू के 300 से अधिक देवी-देवताओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। वही इस जगती में भाग लेने के लिए धुम्बल नाग देवता भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे ।कुल्लू में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि दशहरा उत्सव के बाद उझी घाटी के नाग धुम्बल देवता ने जगती करनेके निर्देश दिए थे। देवता से मिले निर्देशों के बाद देवी देवताओं के कारदारसंघ भी चर्चा की गई और अब 24 नवंबर का दिन तय किया गया है।


इस दिन जिला कुल्लू के देवी देवताओं के निशान रघुनाथ मंदिर में पहुंचेंगे और उसके बाद जगती की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। महेश्वर सिंह ने कहा कि जगती के दौरान नाग धुम्बल देवता का रथ विशेष रूप से मौजूद रहेगा। वहीं अन्य देवी-देवताओं के सिर्फ चिन्ह जिन्हें उनके कारदार और पुजारी के माध्यम से लाए जाएंगे। जगती में सभी देवी देवताओं से देव परंपराओं के बारे में बात की जाएगी और उनके जो भी निर्देश होंगे उनका पालन किया जाएगा। गौर रहे कि दशहरा उत्सव खत्म होने के बाद देव स्थलों की पवित्रता को लेकर देवता नाग धुम्बल ने अपनी नाराजगी जताई थी। देवता अपने मूल स्थान से वापस ढालपुर मैदान में पहुंचे थे और उन्होंने सरकारी अधिकारियों के समक्ष भी अपना कड़ा रोष व्यक्त किया था। देवता के स्थल की शुद्धि करने के बाद ही देवता शांत हुए थे और उन्होंने अपने देव स्थलों की शुद्धता के लिए जगती करने के निर्देश जारी किए।

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