डीसी ने कहा-कुल्लू में नजर नहीं आना चाहिए कचरा,पंचायत कचरे के लिए जमीन दें, पांच लाख मिलेंगे

( नीना गौतम ) उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने एक बार फिर से
कड़े तेवर अपनाते हुए नगर परिषद कुल्लू व नगर पंचायत भुंतर सहित संबंधित
अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि शहर तथा आस.पास कहीं पर भी
कूड़ा-कचरा नजर नहीं आना चाहिए। वह शुक्रवार को दशहरा उत्सव की तैयारियों
तथा सफाई व्यवस्था को लेकर बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। उन्होंने कहा कि
विशेषकर दशहरा उत्सव के दौरान सैंकड़ों टन कूड़ा एकत्र होता है और इसका
सौ फीसदी निदान सुनिश्चित बनाया जाएगा। डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला
पर्यटन की दृष्टि से विश्व मानचित्र पर जाना जाता है और ऐसे में यह बहुत
महत्वपूर्ण है कि समूचा जिला साफ -सुथरा हो और कहीं पर किसी प्रकार की
गंदगी नजर न आए। उन्होंने कहा कि दशहरा महोत्सव में हजारों की संख्या में
देशी व विदेशी सैलानी यहां आते हैं जो यहां कि समृद्ध संस्कृति को अपने
कैमरे में कैद करके दूर तक इसका बखान करते हैं।

उन्होंने चिंता जाहिर की कि गंदगी को लेकर आए दिन नए-नए प्रयोग करने के बाद भी कमी रह जाती है।डीसी ने नगर परिषद व नगर पंचायतों को उनके अधीन क्षेत्रों में सफाई की व्यवस्था को प्राथमिकता प्रदान करने को कहा है। उन्होंने कहा कि घर.घर से
सूखा और गीला कूड़ा हर रोज एकत्र करने के कार्य को सुव्यवस्थित व नियमित
किया जाए। लोगों को यह विश्वास हो कि उनके घर से कूड़ा लेने के लिए
कर्मचारी आएगा। हालांकिए उन्होंने कुल्लू शहर में जिंगल वाहनों के माध्यम
से लोगों को जागरूक करने के नगर परिषद के प्रयासों की सराहना की है। शहर
से कूड़ा उठाया भी जा रहा है और कहीं पर कूड़े के ढेर अब नहीं दिखते हैं।

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उन्होंने कहा कि कूड़े का निष्पादन भी समुचित ढंग से किया जाना चाहिए और
कहीं से शिकायत प्राप्त नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस कार्य में सभी
पार्षदों से सहयोग करने की अपील की है कि वे अपने-अपने वार्डों में स्वयं
सफाई कार्यों की निगरानी करें और अपने वार्ड को सबसे स्वच्छ वार्ड बनाएं।
वर्मी कम्पोस्ट के लिए किया जाएगा गीले कचरा का इस्तेमाल उपायुक्त ने कहा
कि शहर का कुछ गीला कचरा वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए उपयोग में लाया
जाएगा। यह कम्पोस्ट वन विभाग की नर्सियों व पौधों में इस्तेमाल की जाएगी।
इसके लिए उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को यथा शीघ्र कदम उठाने को
कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए बड़े-बड़े गड्ढों का निर्माण करके उनमें
गीले कचरे को एकत्र कर कैंचु, डाले जाएंगे जो 20 से 25 दिनों के भीतर
कचरे को खाद में परिवर्तित कर देंगे।

इससे बड़ी मात्रा में गीले कचरे का वैज्ञानिक निष्पादन हो सकेगा। डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि शहर के आस-पास की पंचायतें यदि कूड़े के निष्पादन के लिए छोटा सा भू-भाग उपलब्ध करवाती है,तो जिला प्रशासन इसके लिए एक माह के पांच लाख रुपये पंचायत को देगा। इस राशि से ग्राम पंचायत का और तीव्र विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने ग्राम
पंचायत प्रधानों व अन्य प्रतिनिधियों को आगे आने को कहा है। उन्होंने कहा
कि कचरे से किसी प्रकार की असुविधा अथवा बदबू नहीं फैलेगी, क्योंकि बड़े
गड्ढों का निर्माण करके उसमें इसका वैज्ञानिक ढंग से निष्पादन सुनिश्चित
बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि होने के नाते प्रधानों व उप
प्रधानों का कर्तव्य बनता है कि वे स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग करें और
अपनी पंचायत के विकास के लिए धनोपार्जन करें।

उपायुक्त ने कहा कि दशहरा उत्सव के लिए ढालपुर मैदान में स्थापित किए जाने वाले सैंकड़ों स्टॉलों में किसी प्रकार का प्लास्टिक अथवा थर्मोकोल का उपयोग पूरी तरह से वर्जित
किया गया है। इस संबंध में अधिकारियों द्वारा व वॉलंटियरों द्वारा सभी
स्टॉल मालिकों और दुकानदारों को गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग रखने तथा सूखे
कूड़े को कंप्रैस करके देने बारे प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने
कहा कि यह दुकानदारों की जिम्मेवारी होगी कि कूड़ा अलग-अलग छंटाई करके
उपलब्ध करवाया जाए। इसका उल्लंघन करने पर भारी-भरकम जुर्माना अदा करना
होगा। उन्होंने सभी दुकानदारों को प्लास्टिक अथवा थर्मोकोल की प्लेटें,
गिलास अथवा अन्य वस्तुएं बेचने पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में बार.बार दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं
और प्रिंट व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से भी इसका व्यापक प्रचार
प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी स्टॉल मालिक स्वच्छता को
जिम्मेवारी समझें और जिला प्रशासन का सहयोग करें। डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा
कि स्वच्छता बनाए रखना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। अपने घर सहित
आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाना भी हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि यह देखकर दुख होता है कि हम जहां-तहां सुविधानुसार कचरा
फैंकनें में हिचकिचाते नहीं हैं। ढालपुर मैदान में जगह-जगह लोग जहां पर
बैठते हैं खान-पान की वस्तुएं साथ लाकर कचरा वहीं पर फैंक देते हैं, बेशक
कुछ ही दूरी पर कूड़ादान लगा हो। ऐसे में हर समय सफाई कैसे रह सकती है।
उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे चलते-फिरते अथवा वाहनों में यात्रा
करते समय बाहर कचरा न फैलाएं। इसे अपने थैले में रखें और उचित स्थान पर
इसका निष्पादन करें।

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