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हिमाचल में अब लोगों को जमीन की रजिस्ट्री और इंतकाल के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों के पास चक्कर नहीं काटने होगें. प्रदेश में आने वाले समय में अब लोग घर पर बैठकर ही ऑनलाइन अपनी जमीन की रजिस्ट्री और इंतकाल करा सकेंगे. हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन के अंतिम दिन इसको लेकर रजिस्ट्रीकरण (हिमाचल प्रदेश संशोधन) विधेयक 2025 सदन में पारित हुआ.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अढ़ाई साल पहले हमारी सरकार आई थी. हमने देखा कि लोग अपना कार्य करने के लिए पूरा पूरा दिन तहसील ऑफिस, एसडीएम ऑफिस, नायब तहसीलदार और कानूनगो के ऑफिस में बैठे रहते हैं, लेकिन इसके बाद भी जमीन की रजिस्ट्री और इंतकाल नहीं होते हैं. हमने खुद भी अपने जीवन में ऐसा महसूस किया. इसलिए लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए हमारी सरकार ने कार्य किया और एक विस्तृत योजना तैयार की. आज अढ़ाई साल बाद उस योजना को हमने कुछ तहसील ऑफिसों में लागू किया है. हम जो ऑनलाइन रजिस्ट्रीकरण एक्ट लेकर आए है, आने वाले समय में पूरे हिमाचल प्रदेश में घर बैठकर रजिस्ट्री और साथ ही उसका इंतकाल भी हो जाएगा.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “अब लोगों के घर द्वार पर रजिस्ट्री होगी. इसके साथ ही जमीन का इंतकाल भी होगा. ताकि गांव के लोगों, किसानों और युवाओं को सुविधा हो. छोटी-छोटी जमीनों के चक्कर में कभी पटवारी, कानूनगो और कभी तहसीलदार नहीं मिलता है, जिस कारण आपसी लड़ाई-झगड़े बढ़ जाते हैं. ऐसे में इन लड़ाई-झगड़ों को दूर करने के लिए हमारी सरकार ने एक नीतिगत फैसला लिया कि हम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की ‘MY Deed’ के नाम से शुरुआत करेंगे. हम अभी इसमें और हाई एंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने जा रहे हैं”.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कहीं ऐसा न हो कि कहीं पर ऑप्टिकल फाइबर टूट जाए तो इसके लिए हम सैटेलाइट टेकनोलॉजी का भी इस्तेमाल करेंगे, जो हमारी डिमार्केशन्ज, पार्टिशन्ज, म्यूटेशन्ज होनी हैं. इन सबको और सुविधाजनक बनाएंगे, ताकि हिमाचल की जनता को रोज पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार के दफ्तर के चक्कर लगाने से निजात मिल सके.