कोरोना के चलते , कांगड़ा के बाद हिमाचल के शेष 11 जिलों में लॉकडाउन का ऐलान

 हिमाचल प्रदेश ने कोरोना वायरस के मामलों को लेकर अहम कदम उठा लिया है। कांगड़ा के बाद राज्य के अन्य 11 जिलों में भी लॉकडाउन का फैसला ले लिया है। हालांकि सरकारी व निजी बसों को राज्य के भीतर व बाहरी राज्यों के संचालन पर बीती रात ही रोक लगा दी गई थी। इसके साथ ही कांगड़ा में लॉकडाउन का ऐलान भी किया गया था। लेकिन अब सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र के बाद समूचे प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। प्रदेश की सीमा से लगे पंजाब के अलावा चंडीगढ़ में पहले से ही 31 मार्च तक लॉकडाउन है।

इसके अलावा हरियाणा ने कुछ जिलों में इसे लागू किया हुआ है। गौरतलब है कि सरकार ने विधानसभा सत्र में भी कटौती कर दी थी। सत्र की कार्रवाई 23 मार्च तक ही सीमित कर दी गई। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री पहले से ही प्रदेश में लॉकडाउन की मांग कर रहे थे। विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा में मुख्यमंत्री ने 6 मार्च को बजट पेश किया था। 9 मार्च को चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने 14 मार्च को इसका जवाब दिया था। 15 से 22 मार्च के बीच सत्र में ब्रेक रही। यह सत्र 23 अप्रैल तक चलना था। लॉकडाउन की घोषणा आगामी आदेश तक की गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा के सदन में ही इसका ऐलान किया।

You may also likePosts

क्या हैं लॉकडाउन को लेकर निर्देश…

1. प्रदेश के भीतर व बाहरी राज्यों में पब्लिक व प्राइवेट ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ टैक्सी व ऑटो रिक्शा इत्यादि के संचालन पर प्रतिबंध रहता है। कमर्शियल एयरक्राफ्ट व ट्रेनों का संचालन भी स्थगित कर दिया जाता है। निजी वाहनों का इस्तेमाल केवल अस्पताल जाने के लिए किया जा सकता है। सामान ला रहे वाहनों को छूट मिलेगी।

2. तमाम दुकानें, व्यवसायिक संस्थान, औद्योगिक इकाईयां, वर्कशॉप व गोदाम इत्यादि पूरी तरह से बंद रहेंगे। केवल राशन की दुकानें, दूध, ब्रैड, सब्जियां, मीट, फिश के अलावा अनपका फूड ही बेचा जा सकता है।

3. अस्पताल, कैमिस्ट, ऑप्टिकल स्टोर्स के अलावा फार्मास्यूटिकल व साबुन इत्यादि बनाने वाली इकाइयों को छूट होगी।

4. पैट्रोल पम्पस, एलपीजी गैस व उनके गोदामों को भी छूट होगी। ई-कॉमर्स को भी परिधि से बाहर रखा गया है।

5. प्रोडक्शन व मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटस, जिन्हें लगातार उत्पादन करना होता है, वो उपायुक्त स्तर पर अनुमति लेकर कार्य कर सकती हैं, बशर्ते स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय किए गए प्रोटोकोल को सख्ती से लागू करें। इसमें दवाएं, सेनेटाइजर बनाने वाली इकाईयां प्रमुख हैं।

6. आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली इकाईयों का कार्य इस बात पर निर्भर करेगा कि संबंधित जिला के उपायुक्त का फैसला क्या है।

7. 9 मार्च के बाद विदेषों से लौटे लोगों को संबंधित जिला के प्रशासन को अपनी उपस्थिति के बारे में सूचित करना होगा। साथ ही खुद को घर पर ही क्वान्टाइन करना होगा। टोल फ्री नंबर 104 पर सूचना दी जा सकती है। उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई होगी।

8. लोगों को घरों में ही रहना होगा। केवल आवश्यक वस्तुओं की खरीद पर ही घरों से निकलने की अनुमति होगी। कार्य की अनुमति की सूरत में ट्रैवलिंग करने पर सामाजिक दूरी के निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।

9. सरकारी कार्यालयों का संचालन सरकार द्वारा 21 मार्च को तय किए गए निर्देशों के तहत होगा। दीगर है कि इसमें सरकार ने रोस्टर व्यवस्था को लागू करने के आदेश दिए थे। इसमें कानून व्यवस्था, पुलिस, सेना, स्वास्थ्य, ट्रेजरी, पंचायतीराज संस्थाओं व शहरी निकायों, फायर, बिजली, पानी, बैंक, एटीएम, प्रिंट, इलैक्ट्रोनिकल व सोशल मीडिया, टैलीकॉम व इंटरनेट सर्विसिज, पोस्टल सेवा, सप्लाई चेन को शामिल नहीं किया गया है। यानि इन वर्गों को रोस्टर व्यवस्था से छूट होगी। इसके अलावा उपायुक्त को भी जरूरी सेवाओं की सूरत में फैसला लेने की छूट होगी।

10. लॉकडाउन के आदेश घोषित होने पर सरकारी कर्मचारियों की स्वीकृत छुट्टियां भी रद्द मानी जाएगी। केवल मातृ अवकाश को अलग रखा गया है। मेडिकल लीव को मंजूर किया जा सकता है, बशर्ते इसे जिला मेडिकल बोर्ड से प्रमाणित किया गया है।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!