Khabron wala
कानून भले ही बालिग युवक-युवती को अपनी पसंद से शादी करने का अधिकार देता हो, लेकिन समाज में आज भी प्रेम विवाह को आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता. इसका ताजा उदाहरण हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से सामने आया है, जहां कोर्ट मैरिज करने वाले युवक के परिवार को सामाजिक बहिष्कार, मारपीट और आगजनी की कोशिश का सामना करना पड़ा है. हालात ऐसे हैं कि पूरा परिवार डर के साए में जी रहा है.
क्या है पूरा मामला
मामला हमीरपुर जिला के बड़सर उपमंडल के करेर गांव का है. यहां करीब 30 वर्षीय युवक और 23 वर्षीय युवती ने अक्टूबर महीने में नई दिल्ली में कोर्ट मैरिज की थी. दोनों बालिग हैं और उनका विवाह पूरी तरह कानूनी है. युवक के परिवार का कहना है कि युवती पक्ष इस रिश्ते से खुश नहीं था, लेकिन बालिग होने के कारण उस समय कोई कानूनी आपत्ति दर्ज नहीं की जा सकी.
आगजनी और मारपीट का आरोप
युवक के पिता देशराज ने कहा, “वे पिछले 32–33 वर्षों से अपनी पत्नी के साथ करेर गांव में अपने ससुराल में रह रहे हैं. बेटे की कोर्ट मैरिज के बाद लड़की पक्ष ने गांव के कुछ लोगों के साथ मिलकर उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया.”
देशराज का आरोप है कि 1 दिसंबर को गांव में एक शादी समारोह के दौरान उनके घर को आग लगाने की कोशिश की गई. इसी दौरान उनकी पत्नी के साथ मारपीट भी हुई. इस घटना की शिकायत 2 दिसंबर को भोटा पुलिस चौकी में दर्ज करवाई गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा भी लिया था.
पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें लगातार जान-माल के नुकसान का डर सता रहा है. युवक और उसकी पत्नी फिलहाल दिल्ली में हैं और भय के कारण गांव लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. देशराज ने बताया कि वे फरीदाबाद में हलवाई का काम करते हैं, जबकि उनकी पत्नी और बुजुर्ग सास गांव में अकेली रहती हैं. मौजूदा हालात के चलते वे काम पर भी नहीं जा पा रहे हैं.
पुलिस और प्रशासन से गुहार
परिवार ने पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा देने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस मामले पर हमीरपुर के पुलिस अधीक्षक बलबीर सिंह ठाकुर ने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है और जांच के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है.











